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बाइक वोट पीडितो की आस जगी,
नौ महीने में सुनवाई पूरी करने के निर्देश 


देव मणि शुक्ल 
ब्यूरो प्रभारी 

नोएडा हाईकोर्ट ने बाइक बोट प्रकरण के 63 पीड़ितों की अर्जी पर नौ महीने में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इससे आठ लाख से अधिक पीड़ितों में न्याय की उम्मीद जगी है। उनका मानना है कि इस निर्देश से न सिर्फ दो बल्कि अन्य मुकदमों की सुनवाई में तेजी आएगी। उनसे ठगे गए पैसों की वापसी हो सकेगी।
बाइक बोट कंपनी में निवेश के नाम पर पूरे देश में आठ लाख से अधिक पीड़ितों से 15 हजार करोड़ से अधिक की ठगी हुई है। इन पीड़ितों द्वारा पिछले लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं कि उनके साथ हुई ठगी का पैसा उन्हें वापस मिल जाए और आरोपियों को कड़ी सजा मिले। इस मामले को लेकर मुजफ्फरनगर के गांव सिसौली निवासी मुन्ना बालियान और उनके साथी पिछले तीन साल से लगातार कंपनी के कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। उनका यह धरना एक जून 2019 को शुरू हुआ था और अब भी जारी है।
मुन्ना बालियान का कहना है कि जब तक वह पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में चल रहे दो मुकदमों में आदेश किया गया है कि मामले की सुनवाई जल्द पूरी हो। उनका मानना है कि इसका असर अन्य मामलों पर भी पड़ेगा और उनमें भी चल रही सुनवाई में तेजी आयेगी। बाइक बोट कंपनी में ही ठगे गए मेरठ निवासी गौरव, राकेश, सुरेंद्र, बुलंदशहर निवासी नरेंद्र, गोपाल और सुरेंद्र आदि का कहना है कि बाइक बोट मामले में अभी तक पुलिस की जांच पूरी नहीं हो सकी है। न ही इस मामले में सभी आरोपी पकड़े गए हैं। इस कंपनी द्वारा ठगे गए पीड़ित दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इस कंपनी में सबसे अधिक सेवानिवृत्त फौजी और पुलिसकर्मी ही ठगे गए हैं।

सात लोगों ने पैसा वापस के लिए न्यायालय में अर्जी लगाई

बाइक बोट कंपनी के संचालनकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही हैं। नोएडा कमिश्नरी पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अभी तक बाइक बोट कंपनी के निदेशकों की करीब 206 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। ठगे गए पीड़ितों की मांग है कि आरोपियों की, जो संपत्ति जब्त की गई है, उसे नीलाम कर पीड़ितों के पैसे लौटाए जाएं। इसके लिए सात लोगों ने सूरजपुर कोर्ट में अर्जी भी लगा दी है। अब अन्य पीड़ित भी इसके लिए न्यायालय में अर्जी लगाने की तैयारी में हैं।

पांच-पांच लाख के तीन आरोपी पकड़ से दूर

इस मामले में दीप्ती बहल, बिजेंद्र हुड्डा और भूदेव फरार हैं। अधिकारियों के अनुसार तीनों पर पांच-पांच लाख का इनाम शासन से घोषित हो चुका है और उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कराए जा चुके हैं। बिजेंद्र हुड्डा के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी है। जांच अधिकारियों का मानना है कि इस घोटाले में लाखों लोगों से ठगा गया अधिकांश पैसा बिजेंद्र हुड्डा के पास ही है। वह अधिकांश रकम विदेश में शिफ्ट कर चुका है।

ईओडब्ल्यू ने 26 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दी

बाइक बोट से जुड़े 116 मुकदमों की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की मेरठ इकाई ने 55 मामलों में 26 आरोपियों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले की सूरजपुर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। 61 मुकदमों में अभी जांच जारी है और शीघ्र ही इन मामलों में भी चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इस मामले से जुड़े 11 मुकदमों की जांच वर्तमान में सीबीआई द्वारा भी की जा रही है। सीबीआई की जांच अलग चल रही है जिसका मुकदमा सीबीआई ने गाजियाबाद में दर्ज कराया था।

बाइक बोट केस के अहम पड़ाव

12 जनवरी 2019 को पहला मुकदमा दर्ज
जून 2019 में बाइक बोट कंपनी का मालिक संजय भाटी गिरफ्तार
26 आरोपी अभी तक गिरफ्तार, 15 पर गैंगस्टर की कार्रवाई
216 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी हो चुकी है जब्त
116 मुकदमों की जांच ईओडब्लू मेरठ कर रही है

ठगी के पैसे से खरीदी थीं 170 कारें

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार बाइक बोट कंपनी के संचालक संजय भाटी ने ठगी की रकम से 170 से अधिक लग्जरी कारें कंपनी के नाम पर खरीदी थीं जिसमें मर्सिडीज, ऑडी आदि गाड़ियां थी।
खैर आगे आगे देखिये होता है क्या।