Right Banner

फूलपुर।क्षेत्र के हरभानपुर,खोजापुर मेंस चल रहे संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक महाराज रामचन्द्र शुक्ल ने कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बाल लीलाओं के अनुभव का अपना एक आनंद है। जो भक्त इसका अनुभव कर ले, समझों वह भगवान की शरण में है। भगवान श्रीकृष्ण जी ने गोकुल वासियों को आनंद प्रदान करने के लिए कई बाल लीलाएं की। श्रीकृष्ण गोपियों के यहां जाकर माखन चोरी करते थे, इस कारण उनको माखन चोर कहा गया है।यह सोचने का विषय है कि मनुष्य के पास किसी वस्तु का अभाव हो, या गलत संगति का प्रभाव हो, या फिर जन्मजात स्वभाव हो, इन तीनों ही परिस्थितियों में इंसान चोरी करता है। इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण जी माखन चुराते थे, क्या बाबा नंद जी के यहां माखन का अभाव था, नहीं बाबा नंद की गोशाला में करीब एक लाख गाय थी। अगर कल्पना की जाए तो उनके यहां कितना दूध, दही व माखन होता होगा। फिर भी श्रीकृष्ण माखन चोरी किया करते थे। भगवान श्रीकृष्ण चाहते थे कि ब्रज की गोपियां यहां के दूध, दहीं व माखन मथुरा के बाजार में बेचने न जाएं।इस अवसर पर अरविंद मिश्रा,अरुणेंद्र मिश्रा,श्रीकांत शुक्ला,संजय शुक्ला सहित क्षेत्र सैकड़ो लोग सम्मलित रहे।