13 वर्ष पूर्व दिनदहाड़े चाकू घोपकर हुई थी
13 वर्ष पूर्व दिनदहाड़े चाकू घोपकर हुई बबलू हत्याकांड के मामले विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सोनभद्र अशोक कुमार की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी संजय विश्वकर्मा को उम्रकैद एव 1000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के हर्ष नगर राबर्ट्सगंज निवासी संजय पुत्र स्वर्गीय शंकर ने 8 सितंबर 2009 को राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसका बड़ा भाई बबलू शौच के लिए सुबह करीब 8 बजे घर से बाहर निकला था। जब राजा लाखन बाबा मंदिर के पास स्थित तालाब के पास सुबह करीब 8:30 बजे शौच करने जा रहा था तभी हाथ में चाकू लेकर राबर्ट्सगंज के वार्ड नम्बर 10 हमीदनगर निवासी संजय विश्वकर्मा पुत्र मंगलदास ने भाई को चाकू से मारने लगा। शोर करने पर ओमप्रकाश, हरिदास समेत आसपास के तमाम लोग आ गए। इतने में लोगों को देखकर चाकू लहराते हुए रेलवे स्टेशन की ओर भागने लगा। तब तक लोगों ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। उसके कब्जे से चाकू भी बरामद हो गया। उधर चाकू से गम्भीर चोट लगने की वजह से भाई बबलू की मौके पर ही मौत हो गई। इस तहरीर पर पुलिस ने हत्या एव एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संजय विश्वकर्मा को उम्रकैद एवं 1000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील शशांक शेखर कात्यायन ने बहस की।