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महान सम्राट अशोक जैसा पूरी दुनिया मे कोई शासक नही 
बाबू सिंह कुशवाहा 
शक्तिनगर सोनभद्र
आज दिनांक 12 अप्रैल 2022 दिन मंगलवार को महात्मा फूले फाउंडेशन के तत्वाधान में ग्राम कचनी के डीहवा टोला से सम्राट अशोक महान एवं महात्मा ज्योतिबसराव फुले से सम्बंधित एक विशाल रैली एवं शोभायात्रा निकाला गया जो कचनी मोड़ माजन मोड़ बैढन बाजार होते हुए जिला कलेक्ट्रेट के पास पहुंच एक सभा के रूप में परिवर्तित होकर महान सम्राट अशोक एवं महात्मा ज्योतिबा राव फूले जयंती मनाया गया ।
 मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय बाबू सिंह कुशवाहा जी ने कहा कि सम्राट अशोक ऐसे राजा रहे जो अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे सम्राट अशोक बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका अफगानिस्तान पश्चिम एशिया मिश्र तथा यूनान में भी करवाया । अशोक महान अपने शासनकाल में 23 विश्वविद्यालयों की स्थापना करवाया जिसमें तक्षशिला नालंदा विक्रमशिला कंधार प्रमुख है । सम्राट अशोक अपने शासनकाल में जनहित को ध्यान में रखते हुए सड़के बनवाई छायादार वृक्ष लगावाए कुआ तालाब धर्मशालाओं के साथ ही मनुष्यों के साथ साथ जानवरों के लिए भी अस्पताल खुलवाए थे । सम्राट अशोक के शासनकाल में लोगों के घरों में ताले नहीं लगते थे समता समानता मानवता कायम रहा देश की जनता सुख शांति से परिपूर्ण रही परंतु वर्तमान भारत को जब देखेंगे तो सम्राट अशोक के भारत से कोसों पीछे नजर आएगा देश में कुछ लोगों को छोड़कर बहुसंख्यक आबादी लाचार गुलाम बेबस बेसहारा के साथ ही भुखमरी की तरफ बढ़ रही है जबकि भारत का संविधान सम्राट अशोक के शासनकाल पर एवं भगवान बुद्ध की विचारधारा पर आधारित है इसके बाद भी लोग परेशान हैं यदि हमें सम्राट अशोक के भारत की पुनर्स्थापना करना है तो सम्राट अशोक के अनुयायियों को देश का शासन सत्ता अपने हाथों में लेना होगा जिसके लिए हमें अपने अंदर राजनीति सोच पैदा कर एक झंडे के नीचे इकट्ठा होना होगा ।
अति विशिष्ट अतिथि माननीय सुषमा मौर्य चेयरमैन आवाज फाउंडेशन मुंबई महाराष्ट्र ने कहा कि महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबाराव फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना किया जो भारत में जाति आधारित विभाजन छुआ -छूट भेद - भाव के विरुद्ध तमाम आंदोलन चलाए थे वे महिलाओं व विधवाओं के कल्याण के लिए काफी प्रयास किए इसके साथ किसानों की हालत सुधारने व कल्याण की भी दिशा में काम किए महात्मा फुले ने 1854 में  स्कूल खोल कर लड़कियों को पढ़ाने की दिशा में काम किया जो देश का पहला स्कूल था जब कोई पढ़ाने वाला नहीं मिला तो कुछ कुछ दिन स्वयं यह काम करने के बाद अपनी पत्नी को पढ़ाने योग्य बनाकर लड़कियों को शिक्षा दिलाने का काम किया जिसका तथाकथित लोगों ने पुरजोर विरोध किया ।
आज जरूरत है महान सम्राट अशोक एवं महात्मा फुले की विचारधारा पर चलने की जिससे हर भारतवासी का कल्याण हो सके अंत में कार्यक्रम के आयोजन लालबाबू कुशवाहा एवं प्रभारी डा0 भागीरथी सिंह मौर्य ने जयंती समारोह में आए हुए लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम को पिंटू लाल कुशवाहा ,सुमन्त सिंह मौर्य ,  दिनेश वर्मा , अवनीश सिंह कुशवाहा , शेर बहादुर कुशवाहा , वंशरूप शाह , डॉक्टर नीरज प्रजापति , लक्ष्मण सिंह ओयाम , रामकृपाल विश्वकर्मा , श्रीमती रामजानी खरवार , नंदकिशोर पटेल , गोपालदास प्रजापति ने भी बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित किया ,
जयंती समारोह मे नंदू सिंह पंकज कुशवाहा संजय कुशवाहा पवन सिंह आदित्य मौर्य , रविरंजन शाक्य , अनुरुद्ध सिंह , महेंद्र सहित हजारों लोग मौजूद रहे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व महापौर प्रत्याशी रामजनी खरवार व संचालन लराम केश्वर कुशवाहा एवं डॉ भागीरथी सिंह मौर्य ने किया ।
 भवदीय 
डा0 भागीरथी सिंह मौर्य
कार्यक्रम प्रभारी

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