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भारत ने शुरू किया पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का निर्माण, अब तक अमेरिका और रूस जैसे देशों के पास ही है यह फाइटर जेट
नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्रालय ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) के डिजाइन और प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए प्रधानमंत्री की अगुआई वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) से मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्यसभा में परियोजना के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।

अपनी हवाई क्षमता में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि के लिए भारत उन्नत सुविधाओं के साथ पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन वाले लड़ाकू जेट विकसित करने की परियोजना पर काम कर रहा है। परियोजना पर प्रारंभिक अनुमानित खर्च १५०० करोड़ रुपये है। विश्व में अभी अमेरिका, रूस और चीन जैसे कुछ चुने हुए देशों के पास ही पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान हैं।

भट्ट ने राज्यसभा को बताया कि पिछले छह वर्ष के दौरान विमान दुर्घटनाओं में ४२ रक्षा कर्मियों की जान गई। सदन में पेश ब्योरे के अनुसार, पिछले पांच वर्ष के दौरान ४५ विमान दुर्घटनाएं हुई जिनमें वायुसेना की २९ दुर्घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि २०१७ से आतंकी हमले और आतंकवाद विरोधी अभियानों में १५६ सेना के और तीन वायुसेना के जवान बलिदान हुए।

रक्षा राज्यमंत्री ने एक सवाल के उत्तर में कहा कि २०१० से रक्षा कर्मियों की संलिप्तता के भ्रष्टाचार के कुल १०८० मामले सामने सामने आए हैं। वायुसेना से २९, नौसेना से पांच और थल सेना से २०१३ से २०२१ के बीच १०४६ मामले सामने आए हैं।

योजना राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन ने अभी तक देश के ७२० से ज्यादा जिलों में ९,६०६ स्कूलों को अटल टिंके¨रग प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए आर्थिक मदद दी है।

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि लगभग ९००० पायलटों में से केवल ८७ विदेशी पायलट ही विभिन्न भारतीय विमानन कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। देश में पायलटों की कोई कमी नहीं है। कुछ खास तरह के विमानों पर कमांडरों की कमी है।

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय अदालतों में एयर इंडिया के खिलाफ २,६५७ मामले लंबित हैं। पिछले वर्ष हुए विनिवेश के बाद एयर इंडिया टाटा समूह के नियंत्रण में है। वीके सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के खिलाफ मामलों में केंद्र हस्तक्षेप नहीं करेगा।