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UP Election Results: गोरखपुर की नौ सीटों में किसी पर सीधी टक्कर नहीं दे पाई बसपा

गोरखपुर। विधानसभा चुनाव 2022 बसपा के लिए काफी खराब रहा है। पार्टी इस बार अपने मूल वोट बैंक में सेंध रोक नहीं पाई है। 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में गोरखपुर जिले में पार्टी का प्रदर्शन इस बार काफी खराब रहा है। पिछली बार पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी तो तीन सीटों पर सीधी लड़ाई में थी। इस चुनाव में पार्टी नौ में से किसी सीट पर सीधी लड़ाई में नहीं थी।  विधानसभा चुनाव 2017 में पार्टी ने चिल्लूपार विधानसभा में जीत हासिल की थी। यहां से पार्टी प्रत्याशी के रूप में विनय शंकर तिवारी ने भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी को हराया था। विनय को 78 हजार 177 वोट मिले थे। इस सीट पर 2007 एवं 2012 में भी बसपा ही जीती थी। इस चुनाव में विनय शंकर सपा के प्रत्याशी बने तो बसपा ने राजेंद्र पहलवान पर भरोसा जताया लेकिन पहलवान 45 हजार 729 वोट ही प्राप्त कर सके।  खजनी विधानसभा में सीधी लड़ाई में रहते हुए 2017 के प्रत्याशी राजकुमार ने 51 हजार 413 वोट पाए थे। पार्टी ने यहां भी प्रत्याशी बदल दिया था। विद्यासागर उर्फ छोटे भाई ने दांव आजमाया लेकिन वह इस बार सीधी लड़ाई में भी नहीं टिक पाए। विद्यासागर को 46 हजार 427 वोट मिले यानी पिछले चुनाव से करीब पांच हजार वोट कम।  पार्टी ने पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में भी पिछले चुनाव में सीधी लड़ाई लड़ी थी। आफताब आलम उर्फ गुड्डू भैया ने यहां 69 हजार 930 वोट पाए थे। आफताब इस बार संतकबीरनगर की खलीलाबाद सीट से प्रत्याशी थे इसलिए पिपराइच में पार्टी ने दीपक कुमार अग्रवाल पर भरोसा जताया। दीपक 30 हजार 954 वोटों पर ही सिमट गए यानी पिछले चुनाव की तुलना में आधे से भी कम वोट मिले। बांसगांव सुरक्षित विधानसभा में भी 2017 के चुनाव में बसपा उम्मीदवार धर्मेंद्र कुमार को दूसरा स्थान मिला था। पार्टी प्रत्याशी ने यहां 49 हजार 93 वोट पाए थे। इस बार यहां से भी पार्टी सीधी लड़ाई से बाहर हो गई।  बांसगांव से इस बार प्रत्याशी बनाए गए रामनयन आजाद 37 हजार 204 वोट ही पा सके। पिछले चुनाव में गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी के तौर पर जनार्दन चौधरी ने 24 हजार 297 वोट पाए थे लेकिन इस बार प्रदर्शन काफी खराब रहा और ख्वाजा शमसुद्दीन मात्र आठ हजार 368 वोट ही पा सके।  गोरखपुर ग्रामीण से 2017 में चुनाव लड़ने वाले राजेश पांडेय ने 30 हजार 07 वोट हासिल किया था लेकिन इस बार दारा सिंह निषाद आधा यानी 15 हजार 982 वोट ही प्राप्त कर सके। कैंपियरगंज विधानसभा की स्थिति और भी खराब रही। पिछले चुनाव में यहां से भाग्य आजमाने वाले आनंद निषाद ने जहां 39 हजार 243 वोट पाए थे वहीं इस बार चंद्र प्रकाश निषाद को तिहाई यानी 13 हजार 153 वोट ही मिल सके।