बलिया के बेल्थरारोड से हंशुराम विजयी घोषित, विधानसभा सदस्य का मिला प्रमाण-पत्र
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
बलिया।बेल्थरारोड विधानसभा से भाजपा के निकटतम प्रतिद्वंद्वी छठ्ठू राम को 5131 मतों से पराजित करते हुए हंशु राम ने गठबंधन की सीट पर अपना परचम लहराया। जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उन्हें जीत का प्रमाण- पत्र देने के बाद रिकाउंटिंग की अटकलों पर विराम लग गया।
बता दे कि बीजेपी उमीदवार छठ्ठू राम और उनके समर्थक पहले से ही जीत को लेकर आश्वस्त थे। चुनावी गणना में शुरुआती रूझानों में बढ़त ने उनके हौसले को चांद पर पहुँचाने का काम किया। लेकिन 24वे चक्र की काउंटिंग में कहानी पलट गई और हंशु राम छठ्ठू पर बढ़त बना ली जो गणना के अंतिम समय तक कायम रहा।
बीजेपी प्रत्याशी के कम मतों से हार के बाद से बेल्थरारोड में रिकाउंटिंग की हवा उड़ने लगी। बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक एक बार फिर अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर आश्वस्त होने लगे। जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी होने लगी। लेकिन हंशु राम को प्रमाण पत्र मिलने के बाद उन सारी अटकलों पर विराम लग गया। जिसके बाद छठ्ठू राम के समर्थकों में मयूषी छा गयी।बेल्थरारोड सीट पर अबतक के इतिहास का टूटा टोटका!
इस बार बेल्थरारोड विधानसभा के तीन दशक का इतिहास टूटेगा या फिर दोहराएगा ये चंद घंटों में ही पता चल जाएगा।इस दौरान नगर से लगायत ग्रामीण अंचल तक चहल-पहल गुरुवार को चुनाव परिणाम आने तक बना रहा। अंततोगत्वा इस बारे के चुनाव परिणाम ने सारे इतिहास को दरकिनार कर दिया।
देवरिया-मऊ-बलिया तीन जिलों के सीमा पर स्थित बलिया की बेल्थरारोड विधानसभा की बात करें तो यहां से जुड़ा एक अजब इत्तिफाक रहा है। इस सीट पर जिस पार्टी का प्रत्याशी जीतता है सूबे में उसी की सरकार बनती है। कम से कम पिछले तीन दशक का इतिहास तो यही बताता है।ऐसे में इस बार बेल्थरारोड विधानसभा के तीन दशक का इतिहास टूट गया।
स्मरण रहे कि सन् 1989 में जनता दल प्रत्याशी के रूप में स्वर्गीय शारदानंद अंचल ने दूसरी बार जीत हासिल किया तो सूबे में जनता दल की सरकार बनी। 1991 में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में हरिनारायण राजभर जीते और भाजपा की सरकार बनी। 1993 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर शारदानंद अंचल चुनाव जीते और सूबे में सपा की सरकार बनने के बाद अंचल शिक्षा व पशुपालन मंत्री बने।
वैसे ही 1996 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी हरिनारायण राजभर दूसरी बार विधायक बने और भाजपा की सरकार में कारागार मंत्री पद का निर्वहन किया। वर्ष 2002 में समाजवादी पार्टी के शारदानंद अंचल चुनाव जीतकर सहकारिता मंत्री बने। 2007 के चुनाव में पहली बार बसपा ने अपना खाता खोला और केदारनाथ वर्मा ने चुनाव जीता।
इसके साथ ही बसपा की सरकार बनी। 2012 के नये परिसीमन में सीयर विधानसभा का नाम बदल कर बेल्थरारोड सुरक्षित सीट पर समाजवादी पार्टी के गोरख पासवान ने अपनी जीत सुनिश्चित की और सपा की सूबे में सरकार बनी। 2017 में भाजपा के धनन्जय कनौजिया ने जीत दर्ज की और सूबे में भाजपा की सरकार बनी।
हर कोई अपने अंदाज में जीत का जश्न मनाने की तैयारी में पहले से बनाई रखे थे।नगर के हनुमानगढ़ी स्थित फूल की दुकान लगाने वाले दुकानदार विवेक बबलू माली, मोनू माली, छोटे माली, मीरा माली, धर्मात्मा माली ने बताया कि मतगणना को देखते हुए हम लोगों ने तैयारी कर ली थी। फूल माला बनाने का काम तेजी के साथ शुरू कर दिया था,ताकि जरूरत पड़ने पर प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को फूल माला उपलब्ध कराया जा सके।