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शहरों में प्रत्येक घर को जल्द ही नल से मिलेगा शुद्ध जल, सौ स्टार्टअप के साथ शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, जानें पूरी योजना
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के हर शहर के प्रत्येक घर को जल्द ही नल से शुद्ध जल मिलने लगेगा। इसके लिए जल सुरक्षा के मामले में शहरों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। शहरी जल जीवन मिशन नामक इस योजना के पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के लिए 100 स्टार्टअप चयनित किए जाएंगे। जल प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम तकनीक पर काम करने वाले स्टार्टअप को इसके लिए आमंत्रित किया गया है।

इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के जल स्रोतों और जल संचयन को संरक्षित करने और सीवेज के जल को दोबारा उपयोग लायक बनाने को भी विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। आवासीय व शहरी विकास मंत्रालय ने पहले ही देश के सभी निकायों को अपने शहरी क्षेत्रों के परंपरागत जल स्रोतों को चिन्हित करने और उनके संरक्षण का निर्देश दे दिया है।

अब देश के कुल 4,378 शहरी निकायों के 2.86 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। इसमें शहरी जल प्रबंधन के तहत होने वाली जलापूर्ति के साथ घरेलू पानी की निकासी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सीवर लाइन बिछाने को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शहरी जल प्रबंधन के बाबत अगले पांच सालों के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। शहरी क्षेत्रों में जल प्रबंधन के बुनियादी ढांचे के निर्माण में आधुनिक टेक्नोलाजी वाले स्टार्टअप को मौका दिया जाएगा। आगामी शनिवार को आयोजित एक समारोह में स्टार्टअप को आमंत्रित किया गया है। 100 चयनित स्टार्टअप को 20 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी, जिसके बाद पायलट प्रोजेक्ट संचालित किया जाएगा। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहरों की जल सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए अटल मिशन फार रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन (अमृत) योजना के दूसरे चरण की शुरुआत अक्तूबर 2021 में की। अमृत योजना का पहला चरण वर्ष 2015 में शुरू हुआ था जो 500 शहरों तक ही सीमित था।

प्रधानमंत्री ने योजना को विस्तार देते हुए सभी शहरों को जल सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा की थी। इसके तहत प्रत्येक शहरी मकान में नल से जल उपलब्ध कराने के अलावा सीवर लाइन बिछाने, सेप्टिक टैंक बनाने के अलावा शहरी क्षेत्रों के जलाशयों के पुनरोद्धार और रेन वाटर हार्वे¨स्टग पर विशेष जोर दिया जाएगा।