शेन वार्न ने स्पिन गेंदबाजी को नई परिभाषा और आक्रामकता दी : आर अश्विन
बेंगलुरु, प्रेट्र। शेन वार्न की मौत पर अभी भी भरोसा नहीं कर पा रहे भारतीय आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि आस्ट्रेलिया के दिवंगत स्पिनर ने स्पिन गेंदबाजी को नए सिरे से परिभाषित करके आक्रामकता दी। वार्न का शुक्रवार को थाइलैड में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
अश्विन ने कहा, 'वार्न दिलचस्प व्यक्ति थे। आस्ट्रेलिया के इतने महान खिलाड़ियों ने उनके बारे में अच्छी बातें की हैं। मैं अभी भी यह स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं कि जीवन कितना क्षणभंगुर है। कोई कयास नहीं लगा सकता कि आगे क्या होगा। उन्होंने गेंदबाजी को नए सिरे से परिभाषित किया और 1000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए। यह बहुत दुर्लभ उपलब्धि है।'
वार्न ने इंग्लैंड के माइक गैटिंग को 'सदी की सर्वश्रेष्ठ गेंद' फेंकी थी, लेकिन वार्न की गेंद अश्विन की पसंदीदा नहीं है। उन्होंने कहा, 'वार्न ने क्रिकेट जगत में स्पिन गेंदबाजी को आक्रामक बनाया। हर कोई माइक गैटिंग को फेंकी उनकी गेंद की बात कर रहा है लेकिन मेरी पसंदीदा गेंद 2005 एशेज में एंड्रयू स्ट्रास को डाली उनकी गेंद थी। उस सीरीज में आस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने अकेले मोर्चा संभाला था। वह असाधारण व्यक्ति थे और अपने जीवन को भरपूर जिया।'
अश्विन ने कहा, 'मैं राहुल द्रविड़ से बात कर रहा था जो बहुत दुखी थे। एक स्पिनर के शरीर का ऊपरी हिस्सा और कंधे बहुत मजबूत होने चाहिए क्योंकि गेंद को स्पिन कराने के लिए कई रोटेशन लेने पड़ते थे। लेग स्पिनर के लिए तो यह और भी जरूरी है। वार्न के कंधे बहुत मजबूत थे। लगता है कि राहुल भाई ने उनसे पूछा था कि उनके कंधे इतने मजबूत कैसे हैं। यह अनूठी कहानी है। आस्ट्रेलिया रूल्स फुटबाल एक खेल है जो रग्बी जैसा है। वह इसे खेलना चाहते थे, लेकिन उनकी कद काठी उसके लायक नहीं थी। इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ी लंबे चौड़े होते हैं।'
बचपन में वार्न के पैर की दो हड्डियां टूट गई थीं जब दूसरा बच्चा ऊंचाई से उनके ऊपर कूद गया था। दोनों पैरों पर प्लास्टर होने से वह व्हीलचेयर पर शरीर के ऊपरी हिस्से से मूवमेंट करते थे जिससे उनके कंधे मजबूत हो गए। अश्विन ने कहा, 'वह चल नहीं पाते थे और बिस्तर पर थे। अपने हाथों का सहारा लेकर वह सरकते थे। इससे उनके कंधे मजबूत हुए। यही उन्होंने राहुल भाई को बताया। हम सभी के जीवन में चुनौतियां आती हैं, लेकिन वार्न ने सिखाया कि उसे सफलता की सीढ़ी कैसे बनाना है।'