लोकपाल तीन साल में किसी को अभियोजन मंजूरी देने में नाकाम, भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों का विवरण देने से किया इन्कार
नई दिल्ली, एजेंसी। करीब तीन साल पहले गठित लोकपाल अब तक भ्रष्टाचार के आरोपित किसी भी सरकारी अधिकारी के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी देने में नाकाम रहा है। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा गया है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच और अभियोजन की मंजूरी से संबंधित दो निदेशकों की नियुक्ति फिलहाल नहीं हो सकी है। आरटीआइ आवेदन के जवाब में लोकपाल ने कहा है, जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक की नियुक्तियों को लेकर पैनल उपलब्ध कराने के लिए सरकार से अनुरोध किया गया है। भ्रष्टाचार के आरोपित सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अभियोग केप्रस्ताव या मंजूरी देने के बारे में पूछे जाने पर लोकपाल ने कहा है कि उसने अभी तक ऐसी एक भी मंजूरी नहीं दी है। लोकपाल ने कहा है कि उसे अप्रैल 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक भ्रष्टाचार की 4,244 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह 2020-21 की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2019-20 में इसे 1,427 शिकायतें मिली थीं। हालांकि, लोकपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों का विवरण देने से इन्कार कर दिया। कहा कि यह तीसरे पक्ष की सूचना के तहत आता है। बताते चलें कि लोकपाल के गठन के लिए लंबे समय तक आंदोलन चला था। लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने वाला यह सर्वोच्च निकाय है। 27 मार्च, 2019 को अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही इसने कामकाज शुरू कर दिया था।