देश में नहीं आएगी कोरोना की चौथी लहर, वायरोलाजिस्ट टी जैकब का दावा, किसी संक्रामक वैरिएंट के सामने आने पर ही खतरा
नई दिल्ली, प्रेट्र: देश को भविष्य में कोरोना महामारी की किसी नई लहर का सामना नहीं करना पड़ेगा। जाने माने वायरोलाजिस्ट टी जैकब जान ने कहा है कि तीसरी लहर खत्म हो गई है और चौथी लहर के आने की तब तक कोई संभावना नहीं है जब तक कि अनपेक्षित रूप से कोई अत्यधिक संक्रामक वैरिएंट नहीं सामने आता है। काउंसिल इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च के सेंटर आफ एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलाजी के पूर्व निदेशक जान ने कहा कि विश्वास के साथ निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि तीसरी लहर समाप्त हो गई है और देश एक बार फिर एक स्थानिक चरण में प्रवेश कर गया है। स्थानिक चरण से मतलब यह है कि लोग संक्रमण के साथ जीना सीख जाते हैं, जबकि महामारी की अवस्था में वायरस आबादी पर हावी होता है। जान ने कहा कि पिछले चार हफ्ते से देशभर में नए मामलों में लगातार कमी आ रही है। किसी राज्य में संक्रमण में ज्यादा उतार चढ़ाव नजर नहीं आ रहा है। मामलों में स्थिरता बनी हुई है। इस सवाल पर कि पहले भी कई विशेषज्ञों ने कहा था कि तीसरी लहर नहीं आएगी, जान ने कहा कि तीसरी लहर ओमिक्रोन की वजह से आई। किसी ने भी ओमिक्रोन को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया था। तीसरी लहर के नहीं आने का आकलन उस समय की महामारी की स्थिति के आधार पर किया गया था। जान ने कहा कि महामारी चौथी लहर तब तक नहीं आएगी, जब तक कि अल्फा, बीटा, गामा या ओमिक्रोन से अलग कोई बहुत ही संक्रामक वैरिएंट उभरकर सामने नहीं आता है। उन्होंने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति और विश्वभर में महामारी के ट्रेंड से भी कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है। इसलिए उन्हें पूरा भरोसा है कि महामारी चौथी लहर नहीं आएगी। दो से तीन लहर के बाद स्थानिक हो जाती है सांस से जुड़ी महामारी जान ने कहा कि इससे पहले भी सांस से जुड़ी जितनी महामारी आई हैं वो दो से से तीन लहर के बाद स्थानिक अवस्था में चली गई हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस के वंश से जुड़े वायरस के चलते कभी-कभी संक्रमण बढ़ जाए, लेकिन वह बड़ी महामारी का रूप नहीं लेगी। इसके लिए जरूरी है कि संभावित वायरस पर नियमित रूप से नजर रखी जाए और नमूनों की जांच होती रहे, ताकि कोई नया वैरिएंट सामने आता है तो उसका तुरंत पता चल सके।