कृषि उपज की लागत घटाने बहु फसली फसल लगाने की आवश्यकता
पिथौराबाद में सर्जना का जैवविविधता प्रक्षेत्र प्रदर्शन कार्यक्रम सम्पन्न
दिनेश यादव मैहर की रिपोर्ट
सतना।सर्जना सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच संस्था पिथौराबाद द्वारा प्रेम सम्रद्धि फाउन्डेशन संस्था के सहयोग से जैवविविधता प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 200 प्रकार के परम्परागत धान गेँहू, मोटे अनाज,जड़ीबूटी प्रदर्शन के साथ कृषि उपज की लागत घटाने से लेकर विभिन्न कारणों से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के उपायों पर चर्चा हुई वक्ताओं ने किसानों को विभिन्न तरह की फसलों के उत्पादन पर जोर देने के साथ ही जोखिम से बचने के लिए पशुपालन, मछली, बकरी व मुर्गी पालन को भी अपनाने की सलाह दी। समारोह में अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान समाजसेवी तथा ग्रामीण उद्द्मियो का सम्मान किया गया साथ ही कार्यक्रम में समरिटन नेत्र चिकित्सालय द्वारा निशुल्क नेत्र परिक्षण शिविर में दर्जनों ग्रामीणो की जांच की गई। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ समाजसेवी अनिल कर्णे और आभार प्रदर्शन सर्जना अध्यक्ष सुरेश दाहिया ने किया।
सरकार के भरोसे न रहें, खुद प्रयास करें
किसानों को संबोधित करते हुए समारोह के मुख्यअतिथि प्रगतिशील किसान प्रणवीर सिंह 'हीरा जी' ने ठेठ शब्दों में कहा किसानों कि सरकार के भरोसे न रहें। समस्या उनकी है तो उसे दूर करने उन्हें ही प्रयास करने होंगे। हीरा जी ने ऐरा प्रथा से फसलों को पहुचाने वाले नुकसान के बारे में कहा कि ये जानवर किसानों के हैं और यदि किसान एक बार फिर उन्हें अपने घर में पनाह दे दें तो समस्या दूर तो होगी ही जैविक खेती के लिए खाद भी मिलने लगेगा। घर के लिए दूध दही की व्यवस्था भी मुफ्त में होगी।
पर्यावरण प्रदूषण से लेकर घटती पौष्टिकता पर भी चर्चा
कार्यक्रम की खास बात यह रही की वक्ताओं ने जहरीली खेती से लेकर घटते जलस्तर प्रदूषित होता वातावरण और भोजन में कम होती पौष्टिकता पर भी चिंता जताई। के अध्यक्ष व राजस्थान बूंदी से आए प्रेम समृद्धि फाउंडेशन के प्रमुख पद्म कुमार जैन ने कहां की जैविक उत्पादों की मांग है पर इसके लिए जरूरी है इन उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसान यदि बड़े स्तर पर जैविक उत्पाद पैदा करते हैं तो बाजार भी उपलब्ध होगा और उसकी कीमत भी अच्छी मिलेगी। कृषि अभियांत्रिकी के रीवा शहडोल संभागी यंत्री राजेश तिवारी ने हरित क्रांति की तात्कालिक जरूरतों के हिसाब से रासायनिक खेती के महत्व को समझाते हुए मौजूदा हालातों में हो रहे अधिक उत्पादन को देखते हुए पुनः गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर जोर दिया। डभौरा से आए जगदीश यादव ने मोटे अनाजों का महत्व समझाते हुए किसानों को इनकी उपज लेने की भी सलाह दी।
अब पेट नहीं बाजार की खेती
रिछारिया फाउंडेशन रायपुर के श्री जैकब ने कहा की मौजूदा समय किसानों की हालत ठीक नहीं है। हरित क्रांति के बाद पानी, पोषण और पर्यावरण की सारी व्यवस्था तहस-नहस पड़ी है। सरकारें अमरीकी विकास की अवधारणा पर काम कर रही हैं। खेती में विविधता को समाप्त कर दिया गया है और अब उसी खेती को सरकार प्रोत्साहित कर रही है जो बाजार चाहता है। उन्होंने रासायनिक खेती के नुकसान विस्तार से बताए। पत्रकार जयराम शुक्ला ने कहा कि कभी हरित क्रांति की जरूरत थी पर अब क्वांटिटी नहीं बल्कि उत्पादन में क्वालिटी को महत्त्व देने की जरूरत है। सागर से आए वरिष्ठ समाजसेवी सत्यम पांडे ने कहा की बाजार ने कृषि में विविधता को समाप्त करके एकरूपता को बढ़ावा दिया है ताकि उनके उत्पाद दिल्ली से लेकर गांव तक एक जैसे रहें। उन्होंने जैविक खेती के साथ ही पशुधन को बचाने पर भी जोर दिया। कार्यक्रम को सेवानिवृत्त सीसीएफ एसपीएस तिवारी रीवा केवीके मझगवां के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. राजेंद्र सिंह नेगी, सेवानिवृत्त परियोजना संचालक आत्मा एआर त्रिपाठी, सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारी जमुना प्रसाद तिवारी ने भी संबोधित करते हुए रासायनिक खेती से खेतों की घटती उर्वरा शक्ति व अन्य मुद्दों पर बड़े ही विस्तार से अपनी बात रखी। इसके पूर्व अपने स्वागत भाषण में पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने परंपरागत अनाजों सब्जियों वह मोटे अनाजों के बीजों के संरक्षण पर विस्तार से जानकारी दी।
इनका हुआ सम्मान
समारोह में जैविक खेती पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान मनसुख लाल कुशवाहा लालपुर अमरपाटन, लौह शिल्पी गोविंद प्रसाद विश्वकर्मा, कास्ट शिल्पी शंकर प्रसाद विश्वकर्मा, कोरोना लाकडाउन के समय उत्कृष्ट सेवा के लिए डॉ बसंत तिवारी, बलिराम सिंह, पर्यावरण संरक्षण के लिए राजू कुशवाहा और क्षेत्र में किसानों को समय-समय पर कृषि सलाह व योजनाओं की जानकारी देने के लिए बीटीएम उचेहरा जेपी सिंह का साल श्रीफल से सम्मान किया गया।
इनकी रही उपस्थित
बीएल कुरील उपसंचालक कृषि,उत्तम त्रिपाठी वरिष्ठ वैज्ञानिक केवीके मझगवां, समाजसेवी अजय मिश्रा मैहर,रामलोटन कुशवाहा, संतोष सिंह एकता परिषद,रामनिहोर दाहिया,इंद्रपाल सिंह,अनुपम दाहिया,रामराज कुशवाहा,राजेश रावत आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही