मदर इंडिया' से 'गुंजन सक्सेना' तक, इन फिल्मों में दिखी महिला सशक्तिकरण की असली तस्वीर
नई दिल्ली, जेएनएन। ८ मार्च को पूरी दुनियाभर में महिलाओं को सम्मिनित करने और उनके योगदान को याद करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (घ्हूीहaूग्दहaत् ेंदसह Daब् २०२) मनाया जा रहा है। इसके साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उनके हौसले बुलंद करने के नजरिए से भी इस दिन का काफी महत्व है। ऐसे में बॉलीवुड ने भी कई सारी ऐसी फिल्में बनाई हैं जो महिला प्रधान हैं। जिनमें श्री देवी, कंगना रनोट और विद्या बालन जैसी कई बड़ी अभिनेत्रियों ने सशक्त भूमिका निभाई है। ये फिल्में महिलाओं के प्रति समाज की सोच व नजरिया बदलने में कारगर साबित हुई हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बात करेंगे।
नेटफ्लिक्स की इस फिल्म में एक्ट्रेस जान्हवी कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। जो कि एक निडर युवा अधिकारी गुंजन सक्सेना के जीवन से प्रेरित है। जिन्होंने १९९९ के कारगिल युद्ध के दौरान युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला वायु सेना अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया। यह फिल्म फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना की बॉयोपिक है।
थप्पड़ में तापसी पन्नू लीड रोल में नजर आई थीं। जो कि एक हाउस वाइफ के किरदार में थीं। फिल्म में तापसी का कैरेक्टर अमृता अपनी घर-गृहस्थी को संभालने और एक परफेक्ट पत्नी बनने के लिए अपने सपनों को पीछे छोड़ देती है। लेकिन अमृता की जिंदगी तब बदल जाती जब इतना सब करने के बाद भी उसका पति उस पर हाथ उठाता है। यह फिल्म घरेलू हिंसा के खिलाफ लोगों की सोच बदलने की अच्छी कोशिश करती हैं, भले ही वह एक थप्पड़ ही क्यों ना हो।
दिवांगत अभिनेत्री श्रीदेवी की साल २०१२ में आई ये फिल्म एक ड्रामा कॉमेडी फिल्म है। फिल्म में श्रीदेवी एक घरेलू महिला शशि का किरदार निभाया है। जो परिवार के लिए सबकुछ करती है, लेकिन सिर्फ अंग्रेजी न आने के कारण उसे अपने मार्डन बच्चों और हाई-फाई पति के साथ ताल-मेल बिठाने में दिक्कत होती है और कई बार इस वजह से उसे घर में अपमानित भी होना पड़ता है, लेकिन बावजूद इसके वह हीन भावना का शिकार नहीं होती और अंग्रेजी सीख सबको हैरान कर देती है। फिल्म में दिखाया गया है कि मौका मिलने पर एक महिला सब कुछ करने के लिए सक्षम होती है।
'क्वीन' में एक्ट्रेस कंगना रनोट ने मुख्य भूमिका निभाई थी। उनकी किरदार एक सिंपल लड़की का है, जो अपनी शादी टूट जाने के बाद भी हनीमून पैकेज पर अकेले ही विदेश में सिर्फ घूमने के लिए चली जाती है और इस दौरान वह पहली बार घर से दूर दुनिया को एक्सप्लोर करती है और इस दौरान वह पहले से कही ज्यादा मजबूत और इंडीपेंडेंट हो जाती है।
बॉलीवुड की यह फिल्म सालों पुरानी है लेकिन महिला सशक्तिकरण की बात जब भी होती है तो 'मदर इंडिया' का जिक्र जरूर होता है। १९५७ में आई महबूब खान द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में नजर आए थे। यह गरीबी से पीड़ित गांव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने के लिए कड़ी मेहनत करती है।