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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कारों से सम्मानित होंगी देश की २९ हस्तियां, राष्ट्रपति आज करेंगे सम्मानित
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय और उत्कृष्ट काम करने वाली २९ हस्तियों को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को ये पुरस्कार वर्ष २०२० और २०२१ के लिए दिये जाएंगे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आठ मार्च, मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं से बातचीत कर उनकी सराहना की। पीएम ने उनसे कहा कि वे समाज के साथ देश के लिए भी योगदान दे रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर २०२० और २०२१ की नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं से बातचीत की। पीएम ने कहा कि जहां उनके काम में सेवा की भावना है, वहीं उनके काम में जो चीज साफ नजर आती है वह है नवोन्मेष। अब ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं ने अपनी पहचान न बनाई हो और देश को गौरवान्वित किया हो। पीएम ने कहा कि सरकार महिलाओं की क्षमता को साकार करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसी नीतियां बना रही है जिसके माध्यम से उनकी क्षमता की पहचान की जा सके।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी महिलाएं पारिवारिक स्तर पर निर्णय लेने का हिस्सा बनें, जो उनके आर्थिक सशक्तिकरण से होगा। पुरस्कार विजेताओं ने ऐसा मंच दिए जाने के लिए पीएम को धन्यवाद दिया जहां उन्हें देश के शीर्ष नेतृत्व द्वारा सुना जा रहा है। नारी शक्ति पुरस्कार उन महिलाओं को दिए जाते हैं जिन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महती कार्य किया हो। वर्ष २०२० और २०२१ के लिए १४-१४ कुल २८ पुरस्कार दिए जाएंगे।

दो महिलाओं को संयुक्त रूप से पुरस्कृत करने से सम्मानित होने वाली महिलाओं की संख्या २९ हो रही है। २०२० की नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं शामिल हैं जैसे उद्यमशीलता, कृषि, नवोन्मेष, सामाजिक कार्य, दस्तकारी, एसटीईएमएम तथा वन्यजीव संरक्षण। २०२१ के लिए नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में भाषा विज्ञान, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, मर्चेंट नेवी, एसटीईएमएम, शिक्षा, साहित्य, दिव्यांगजन अधिकार आदि क्षेत्रों की महिलाएं शामिल हैं।

पीएमओ ने कहा कि मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिला संतों को संबोधित करेंगे। ये पुरस्कार उन महिलाओं को दिए गए हैं जिन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण खासकर जोखिम वाली और सीमान्त महिलाओं के लिए उत्कृष्ट सेवा की है। २०२० का पुरस्कार समारोह कोरोना महामारी के कारण २०२१ में आयोजित नहीं हो पाया था इसलिए दोनों वर्षो का पुरस्कार समारोह एक साथ किया जा रहा है।

वर्ष २०२० में नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में सामाजिक उद्यमशीलता में बिहार की अनिता गुप्ता, जैविक किसान और स्वयंसेवी क्षेत्र में गुजरात की ऊषाबेन दिनेशभाई वसावा, पर्यावरण संरक्षण में जम्मू कश्मीर की नासिरा अख्तर, जम्मू कश्मीर की ही समाजसेवी संध्या धर, कंट्री हेड, इंटेल इंडिया कर्नाटक की निवृत्ति राय, दृष्टिबाधितों के लिए काम करने वाली समाज सेवी केरल की टिफेनी ब्रार, लद्दाख क्षेत्र में भूली बिसरी पाक कला और वस्त्र को दोबारा जीवित करने का काम करने वाली लद्दाख की पद्मा यांगचान, जनजातीय बैगा चित्रकार मध्य प्रदेश की जोधइयाबाई बैगा, डाउन सिंड्रोम से पीडि़त कथक नृत्यांगना महाराष्ट्र की सायली नंदकिशोर अगवाने, सांपों को बचाने वाली पहली महिला बचावकर्ता महाराष्ट्र की वनिता जगदेव बोराडे, सिक्की ग्रास कलाकार पंजाब की मीरा ठाकुर, टोडा कढ़ाई कलाकार तमिलनाडु की जया मुथू, और तेजम्मा को संयुक्त रूप से, प्रसूति विज्ञानी और स्त्री रोक विशेषज्ञ त्रिपुरा की इला लोध (मरणोपरांत), और हथकरघा बुनकर और शिक्षक आरती राणा शामिल हैं।

वर्ष २०२१ के पुरस्कृतों की सूची में अल्पसंख्यक जनजातीय भाषा का संरक्षण करने में आंध्र प्रदेश की भाषा विज्ञानी साथुपति प्रसन्ना श्री, अरुणाचल प्रदेश की उद्यमी रीता तागे व रीता ताखे, छत्तीसगढ़ की समाजसेवी मधुलिका रामटेक, गुजरात की लेखिका और शिक्षाशास्त्री निरंजनाबेन मुकुल भाई कालार्थी, हरियाणा की किसान और उद्यमी पूजा शर्मा, हिमाचल प्रदेश की बुनकर अंशुल मल्होत्रा, देवदासी प्रथा उन्मूलन के लिए काम करने वाली कर्नाटक की शोभा गस्ती, मर्चेन्ट नेवी में कप्तान आइएमओ द्वारा समुद्र में असाधारण वीरता दिखाने के लिए पुरस्कृत केरल की राधिका मेनन, महाराष्ट्र की सामाजिक उद्यमी कमल कुम्भार, दिव्यांगजन अधिकार कार्यकर्ता ओडिशा की श्रुति महापात्रा, मांड और भजन लोक गायन में राजस्थान की बतुल बेगम, तमिलनाडु की मनोचिकित्सक और शोधकर्ता तारा रंगास्वामी, ट्रांसजेंडरों और तिब्बती शरणार्थियों के लिए काम करने वाली हिन्दी लेखिका उप्र की नीरजा माधव और बंगाल की गणितज्ञ नीना गुप्ता पुरस्कार विजेता हैं। 

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