जैसलमेर में होने वाला IAF का 'वायु शक्ति' अभ्यास स्थगित, 7 मार्च को था आयोजन
नई दिल्ली, एएनआइ। रूस और यूक्रेन में छिड़ी जंग को लेकर वैश्विक संकट के बीच भारतीय वायु सेना (Indian Air Force, IAF) ने शुक्रवार को अपने वायु शक्ति अभ्यास को स्थगित कर दिया जो राजस्थान के जैसलमेर स्थित पोखरण रेंज में आगामी 7 मार्च को होने वाला था। इस इवेंट के लिए फिलहाल नई तारीख निर्धारित नहीं की गई है।
इस इवेंट के रद होने की पीछे क्या वजह है इसका खुलासा नहीं किया गया है। हर तीन साल पर होने वाले इस इवेंट में वायुसेना अपनी तैयारियों का प्रदर्शन करती हैं। इससे पहले यह साल 2019 में हुआ था। लेटेस्ट राफेल एयरक्राफ्ट समेत कुल 148 एयरक्राफ्ट को शामिल किया जाना था। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना थी। इससे पहले सरकार ने 10-14 मार्च को होने वाला Defexpo-2022 भी स्थगित कर दिया गया। इसके अलावा IAF ने इंग्लैंड में होने वाले कोबरा वारियर में भी शामिल होने से इन्कार कर दिया।
बता दें कि IAF की सबसे बड़ी War Excercise 'वायु शक्ति' के लिए जैसलमेर के पोखरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में आज फुल ड्रेस रिहर्सल भी हुआ। देश का सबसे एडवांस फाइटर जेट राफेल भी पहली बार आपरेशन वायुशक्ति में अपनी मारक क्षमता का गवाह बना। IAF हर तीसरे साल युद्धाभ्यास करता है और इसमें कई देशों के दिग्गज अधिकारी शिरकत करते हैं। आसमान में एक से बढ़कर एक विमानों की गूंज और छद्म ठिकानों पर बमबारी करते फाइटर प्लेन के साथ देश की सबसे बड़ी वार एक्सरसाइज का आयोजन पश्चिमी सरहद पर होने वाला था जो अब 7 मार्च को नहीं होगा।
एयरफोर्स के जांबाज इस युद्धाभ्यास के लिए विगत एक माह से तैयारी कर रहे हैं। आपरेशन वायुशक्ति में 109 फाइटर, जिनमें राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर व मिग-29 मिलाकर कुल 148 विमान शामिल हैं। फूल रिहर्सल में फाइटर जेट उड़ान भरके चांधन में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर हमला किया। इसके अलावा 24 अपाचे, चिनूक, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, सात ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, चार रिमोट कंट्रोल एयरक्राफ्ट भी इस ऑपरेशन वायुशक्ति का हिस्सा है। इतना ही नही वायुशक्ति फूल ड्रेस रिहर्सल में पहली बार शामिल हुआ राफेल हवा से जमीन और हवा से हवा में हमला करता हुआ नजर आया। साथ ही राफेल की सुखोई के साथ बेहतरीन जुगलबंदी भी देखने को मिली।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई के बाद वहां फंसे भारतीय नागरिकोंं को निकालने के लिए केंद्र सरकार ने आपरेशन गंगा मिशन की शुरुआत की है। हाल में ही प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन में वायुसेना को भी साथ देने का निर्देश दिया था। इसके बाद वायुसेना का एयरक्राफ्ट C-17 यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहंंच रहे अपने नागरिकों को वापस वतन लाने में जुट गया है।