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कोहली ने 100वें टेस्ट की पहली पारी को लेकर दी प्रतिक्रिया, कहा- अब अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलना होगा

मोहाली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने मोहाली में अपने 100वें टेस्ट मैच की पहली पारी में 45 रन बनाए, लेकिन वो अपने इस स्कोर को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। उम्मीद की जा रही थी कि इस खास मौके पर विराट कुछ खास करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पहले टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद विराट कोहली ने अपने सौवें टेस्ट मैच के बारे में कहा कि जब वो मैदान पर बल्लेबाजी के लिए उतरे तब काफी बेचैन थे और पहले पहले टेस्ट मैच की तरह से नर्वस भी थे। पहली पारी में शतक नहीं बना पाने को लेकर वो ज्यादा चिंता में नहीं दिखे और कहा कि उनका मानना है कि वो अच्छा खेल रहे हैं। 

विराट कोहली से जब पूछा गया कि कि बड़ी पारी नहीं खेल पाने के कारण क्या वह अपनी प्रक्रिया में बदलाव करना चाहते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि मेरी तैयारी वैसी ही है जैसी हमेशा रही है। जब तक मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं, मुझे चिंता नहीं है । हम रिकार्ड और उपलब्धियों को लेकर उतावले रहते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगा मानो मेरा पहला टेस्ट है। मुझे बेचैनी हो रही थी और काफी नर्वस भी था। उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि अब अच्छी शुरूआत को बड़ी पारियों में बदलना होगा 

उन्होंने कहा कि मेरी शुरूआत अच्छी थी और इस तरह से आउट होने का मुझे दुख है। मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और इस तरह से आउट होने के बाद बतौर बल्लेबाज निराशा होती है। हमारी कोशिश हमेशा बड़ी पारी खेलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाने की रहती है। विराट कोहली ने कहा कि कोहली ने कहा कि कोरोना काल में अपने खेल पर काम करने का समय ही नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि यह हालात ऐसे नहीं है कि खेल से अलग रहकर उस पर काम किया जा सके। तीनों प्रारूप और आइपीएल में इतने लंबे समय तक खेलना कठिन था। मुझे गर्व है कि मैने अपने शरीर को इसके अनुकूल बनाया। 


डेविस कप: ग्रास कोर्ट पर जलवा बिखेरने उतरेगा भारत, विश्व ग्रुप-1मुकाबले में डेनमार्क से होगा सामना

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय डेविस कप टीम का ऐतिहासिक जिमखाना क्लब में शुक्रवार से शुरू होने वाले विश्व ग्रुप-1 प्लेआफ मुकाबले में डेनमार्क से सामना होगा। यह मुकाबले ग्रास कोर्ट में खेले जाने हैं जो भारत के अनुकूल माना जाता है। निचली उछाल और तेज ग्रास कोर्ट के कारण भारत का पलड़ा विपक्षी टीम के सामने भारी रहेगा और टीम अपना जलवा बिखेरने उतरेगी।

भारत विश्व ग्रुप-1 के पहले दौर में फिनलैंड से हारने के बाद प्लेआफ में पहुंचा, जबकि डेनमार्क मोरक्को को विश्व ग्रुप-2 मुकाबले में हराकर यहां पहुंचा है। भारत और डेनमार्क 1984 के बाद पहली बार खेलेंगे। उस समय भारत ने डेनमार्क को 3-2 से हराया था। इससे पहले भारत ने तीन बार 1966, 1974 और 1987 के डेविस कप फाइनल में जगह बनाई है, लेकिन कभी इसे जीत नहीं सका है।

भारत के लिए पहला सिंगल्स मुकाबला रामकुमार रामनाथन खेलेंगे, जिनका सामना दुनिया के 824वें नंबर के खिलाड़ी क्रिस्टियन सिग्सगार्ड से होगा। वहीं, भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी युकी भांबरी ने टीम में वापसी की है। युकी का सामना 305वीं रैंकिंग वाले मिकाले टोर्पेगार्ड से होगा। रैंकिंग के आधार पर भारतीय टीम मजबूत है, लेकिन डेविस कप में खिलाड़ी अप्रत्याशित प्रदर्शन कर सकते हैं, लिहाजा सब कुछ मैच के दिन पर निर्भर करेगा। प्रजनेश गुणेश्वरन की जगह युकी को सिंगल्स में उतारने का फैसला किया गया क्योंकि यह उनके अनुकूल कोर्ट है। रोहन बोपन्ना और रामकुमार साथ खेलते हैं, लेकिन भारतीय कप्तान रोहित राजपाल ने डबल्स में बोपन्ना के साथ दिविज शरण को चुना है। रामकुमार ने कहा कि देश के लिए खेलने से दबाव होता है, लेकिन वह टीम को सकारात्मक शुरुआत दिलाने के लिए उत्सुक हैं।

दिल्ली जिमखाना क्लब भारत के पुराने क्लबों में से एक है। यह क्लब विंबलडन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्रास कोर्ट परिसर है। विंबलडन में 41 ग्रास कोर्ट हैं, जबकि दिल्ली जिमखाना में 28 ग्रास कोर्ट है। दिल्ली जिमखाना क्लब को मार्डन गेम को देखते हुए विकसित किया गया और इसमे क्ले और हार्ड कोर्ट भी हैं।