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दहेज हत्या: दोषी पति-सास को 10-10 वर्ष की कैद

* 15-15 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद 
* आकांक्षा हत्याकांड का मामला


चिन्ता पान्डेय


सोनभद्र ब्यूरो/साढ़े तीन वर्ष पूर्व हुए आकांक्षा हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-3 सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विक्रम सिंह व सास किरण सिंह को 10-10 वर्ष की कैद एवं 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक वाराणसी जिले के लंका थाना क्षेत्र के शिवजी नगर कालोनी छितुपुर  निवासी चन्द्रहास सिंह पुत्र स्व. रामयश सिंह ने 30 सितंबर 2018 को राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी बेटी आकांक्षा सिंह की शादी 5 दिसंबर 2015 को जौनपुर जिला के  शाहगंज थाना क्षेत्र के छताईपुर गांव निवासी विक्रम सिंह पुत्र स्व. चंद्रप्रताप सिंह के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से हुई थी। दूसरे दिन 6 दिसंबर 2015 को विदा होकर अपनी ससुराल गई। जहां पर दहेज में 15 लाख रुपये की मांग को लेकर बेटी को पति, सास समेत अन्य लोग प्रताड़ित करने लगे। जब बेटी ने बताया तो समझाने का बहुत प्रयास किया गया, लेकिन ससुराल वाले नहीं माने। बल्कि बेटी को खाना भी नहीं देते थे और दामाद द्वारा यह भी धमकी दी गई थी की हत्या करके दूसरी शादी कर लेंगे। इसीबीच सूचना मिली कि बेटी आकांक्षा की हत्या कर दी गई है। जिससे पूर्ण विश्वास है कि पति, सास व अन्य लोगों ने बेटी की हत्या की है। इस तहरीर पर राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने विक्रम सिंह एवं किरण सिंह के विरुद्ध दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज किया था। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में पति व सास के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विक्रम सिंह व सास किरण सिंह को 10-10 वर्ष की कैद एवं 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद पाठक ने बहस की।