विदेश सचिव बोले- यूक्रेन में जारी संकट से निपटने के लिए उठाए गए कई कदम, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
नई दिल्ली, एजेंसियां। यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के बाद वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा कि हमारी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी है। स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की एक बैठक हुई है। प्रधानमंत्री ने इस बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाना है।
विदेश सचिव ने कहा कि यूक्रेन में हमारा दूतावास अभी भी काम कर रहा है। हम अपने छात्रों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए विश्वविद्यालयों, स्टूडेंट कान्ट्रैक्टर से संपर्क बनाए रखा है। यही नहीं भारतीयों की सुरक्षा के लिए दूतावास की ओर से कई सलाह जारी की गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह यूक्रेन में फंसे नागरिकों की मदद के लिए हर संभव कोशिशें करे।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यह भी कहा कि यूक्रेन में आपात स्थितियों से निपटने के लिए कई कदम उठाए जा चुके हैं। हमने इस पर काफी पहले से काम शुरू कर दिया था। करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया गया था। यूक्रेन में लगभग 20 हजार भारतीय नागरिक थे लेकिन पिछले कुछ दिनों में चार हजार भारतीय यूक्रेन से लौट चुके हैं। फिलहाल दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय के कंट्रोल रूम को 980 काल और 850 ईमेल मिले हैं।
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने आश्वस्त करते हुए कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूक्रेन से सटे चार देशों पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी के रास्ते भारतीय विद्यार्थियों और दूसरे नागरिकों को निकालने पर काम शुरू हो गया है। इन देशों से अलग-अलग 10 भारतीय राजनयिकों की टीम यूक्रेन के लिए रवाना हो चुकी है। हंगरी स्थित भारतीय दूतावास कर्मियों का एक दल इस उद्देश्य से यूक्रेन की सीमा से सटे जोहांवी नाम की जगह पर भेजा गया है।
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि पोलैंड एवं रोमानिया की यूक्रेन से लगी सीमा पर भी भारतीय नागरिकों की सुविधा के लिए केंद्र बनाया जा रहा है। जबकि यूक्रेन की सीमा के भीतर भी दो सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं ताकि जो नागरिक इन पड़ोसी देशों के जरिये बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें सुविधा हो। यूक्रेन में तकरीबन 20 हजार भारतीय नागरिक और विद्यार्थी थे जिनमें से चार हजार पिछले 10 दिनों में वहां से निकल चुके हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आज यूक्रेन के विदेश मंत्री के साथ बात होने की उम्मीद है। जहां तक तमाम मुल्कों की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का सवाल है तो हमें देखना होगा कि इन प्रतिबंधों का हमारे हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। विदेश सचिव स्पष्ट किया कि हमें इस बात को तो स्वीकार करना ही होगा कि किसी भी प्रतिबंध का हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा... विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से भी बात करेंगे।
इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक हंगरी में भारतीय दूतावास ने एक टीम को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद करने के लिए भेजा है। यह टीम जोहायी सीमा चौकी पर भेजी गई है। मालूम हो कि हंगरी की सीमा यूक्रेन से लगी हुई है। भारतीयों को सड़क मार्ग से पड़ोसी मुल्कों तक पहुंचाने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है।