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छह अफ्रीकी देशों में शुरू होगा mRNA वैक्सीन का प्रोडक्शन- WHO


 जेनेवा, एएनआइ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के डायरेक्टर जनरल डा. टेड्रोस अधनम घेब्रेसस (Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने गुरुवार को एलान किया कि मिस्र (Egypt), केन्या (Kenya), नाइजीरिया (Nigeria), सेनेगल (Senegal), दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और ट्युनिशिया में mRNA वैक्सीन का उत्पादन शुरू होगा। यह एलान यूरोपीयन काउंसिल, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में आयोजित एक सेरेमनी में किया गया। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और यूरोपीयन काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल भी मौजूद थे।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने ऐसे माहौल के निर्माण की जरूरत पर जोर दिया जहां एक ही काम के लिए हर वैज्ञानिक, हेल्थ वर्कर और सरकार एक साथ मिलकर काम करे। WHO प्रमुख ने कहा, 'कोरोना महामारी के दौरान यह पता चला कि वैश्विक सप्लाई के लिए कुछ कंपनियों पर आश्रित होना सीमित हो रहा है और यह खतरनाक है। यह एक पहल है जिससे हमें अपने वैक्सीन बनाने की राह खुलेगी।

हाल में ही दक्षिण अफ्रीका के वैक्सीन निर्माण करने वाली संस्थाओं का जायजा WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनम घेब्रेसस व मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने लिया है। इस दौरान स्वामीनाथन अफ्रीका में धीमी गति से हो रही कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर चिंता जताई और कहा कि हमें ध्यान रखना होगा कि अफ्रीकी देशों की 85 फीसद आबादी को अभी भी कोरोना वैक्‍सीन का एक भी डोज नहीं लगा है और यही कोरोना के नए वैरिएंट के फैलने में जिम्मेदार साबित हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, 'कोरोना वायरस की उत्पत्ति व इसके कई म्यूटेशन यानि रूप को बदलते हुए हम सबने देखा है... इसलिए हम इससे अच्छी तरह अवगत हैं कि अभी खतरा टला नहीं है बल्कि नए वैरिएंट आने बाकी हैं।' स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि महामारी खत्म होने की अफवाहों पर भरोसा करके सतर्क रहना न छोड़ें। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट कभी भी, कहीं भी पैदा हो सकता है और हम एक फिर से उसी स्थिति में लौट सकते हैं। इसके मद्देनजर हमें अब भी एहतियात बरतने की जरूरत है।