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जरूरत मंद एवं गरीब बच्चों में जगा रहे शिक्षा का अलख 

देव मणि शुक्ल 

 नोएडा छुट्टी के दिनों में डॉ श्वेता त्यागी राष्ट्रीय अध्यक्ष युगधारा फाउंडेशन ऑफ इंडिया (संस्थापक) और शिक्षक विष्णु गुप्ता झुग्गी झोपड़ी के बच्चों को दे रहे शिक्षा।
भागती-दौड़ती जिंदगी  और चिलचिलाती धूप में जहां आज हर कोई अपनी जरूरत को पूरा करने में लगा है। वहीं कुछ अनजान चेहरे ऐसे भी हैं जो शिक्षा की अलख जरूरतमंद व गरीब बच्चों तक पहुंचाने में दिन-रात जुटे हैं।  झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के भविष्य को संवारने वाले डॉ श्वेता त्यागी (प्रधानाचार्य) और शिक्षक  विष्णु गुप्ता है। डॉ श्वेता त्यागी ने बताया कि अभी एक ओर स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहे हैं वहीं दूसरी ओर हम इन झुग्गियों में से गरीब बच्चे जो कभी स्कूल की तरफ नहीं गए उनको निकाल कर शिक्षित करने के लिए अग्रसर है.
शिक्षक विष्णु गुप्ता ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा ग्राम गेझा में चलने वाले स्कूल न्यू नोएडा पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य से मिली और उनको लगा कि एक शिक्षक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम समाज के हर उन बच्चों के लिए काम करें जो आज तक स्कूल नहीं गये और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को शिक्षित बनाकर उनके सपनों को ऊंची उड़ान दे सकें।
डॉ श्वेता त्यागी और  विष्णु गुप्ता रोजाना 30 से अधिक गरीब मजदूरों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं।  विष्णु गुप्ता ने बताया कि उन्होंने विद्यालय की प्रधानाचार्य श्वेता त्यागी से बच्चों को पढ़ाने की प्रेरणा ली है। डॉ श्वेता त्यागी ने बताया कि बच्चों को शिक्षा से जोड़ना इतना आसान काम नहीं था। शुरूआत में उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इन बच्चों को और उनके माता-पिताओं को शिक्षा का महत्व बताना शिक्षा के लिए जागरूक करने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. शुरुआत में तो यह बच्चे अध्यापकों को देखकर अपनी झुग्गियों में या झुग्गियों  के आसपास जाकर छिप जाया करते थे और किसी भी खाने पीने की समान बांटने वाली गाड़ी के पीछे अंधाधुंध दौड़ा करते थे परंतु आज इन बच्चों को शिक्षा का महत्व पता है और यह बच्चे पढ़ने के लिए बहुत जागरूक भी है। विष्णु गुप्ता ने बताया कि बच्चों को मुफ्त में सामान उपलब्ध कराने में न्यू नोएडा पब्लिक स्कूल  का सहयोग रहता है।
उन्होंने बताया कि अगर बच्चा पढ़ लेगा तो उनका भविष्य संवर जाएगा। फिर मजदूरी का काम नहीं करना पड़ेगा। काफी समझाने पर बच्चों के माता-पिता बच्चों को पढ़ाने के लिए मान गए। अब बच्चे भी काफी रूचि दिखाने लगे हैं। हमारा प्रयास है कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे किसी भी तरह शिक्षा से वंचित न रहें। यदि यहां से थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा कर आगे भविष्य में इन्हें शिक्षा का सहारा मिल जाए तो अपने जीवन के स्तर को यह बच्चे जरूर बदल सकते हैं। डॉ श्वेता त्यागीने बताया कि भविष्य में हम इन बच्चों को उनकी बेसिक पढ़ाई पूरी कर कर स्कूलों में दाखिले के लिए भी कोशिश करेंगे और जहां तक संभव प्रयास हो सकेगा, इन बच्चों के भविष्य को संवारने का संपूर्ण प्रयास करेंगे उन्होंने बताया कि हम इन बच्चों के माताओ के लिए भी संस्था की तरफ से स्वास्थ है और रोजगार वर्कशॉप करेंगे  समाज के हर धर्म वर्ग को पढ़ने का अधिकार है। विष्णु गुप्ता का मानना है कि शिक्षित होना सबका अधिकार है और इस अधिकार से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को दूर रखना पाप है और देश के विकास में बाधक है। वे कहते हैं कि बच्चों को हौंसलों की पहली उड़ान मिल चुकी है। अब पूरा आसमान नापना है।
(जहां चाह वहां राह।)