संवेदनशील भारत फाउंडेशन की छोटी कोशिशें से मिलेंगी बड़ी मुस्कान
चिन्ता पाण्डेय
सोनभद्र। शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर डॉ विसेश्वर चौहान ने बताया कि जिला अस्पताल में क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट एवं श्रवण एवं वाणी विशेषज्ञ विगत कई वर्षों से ना होने क़ि वजह से आम जनता को काफी मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है जिसमे क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट द्वारा आटिज्म, मानसिक मंद सेरिब्रल पाल्सी या मल्टीपल डिसेबिलिटी से ग्रसित बच्चो का सायकोलॉजिकल इवैल्यूएशन करते है विकलांगता प्रमाण पत्र बनाया जाता है जिससे शासकीय और गैर शासकीय सुविधाओं का लाभ लाभार्थी द्वारा लिया जा सकता है, बिना विकलांगता प्रमाण पत्र के दिव्यांग व्यक्ति को किसी भी शासकीय सुविधा का लाभ ना मिलपाने के कारण अभिभावक को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
नोएल प्रयास बड़ी पत्नी.
श्रवण एवं वाणी विशेषज्ञ मुख बधिर बच्चो का परीक्षण करते है उसके बाद उनका कान नाक गला चिकित्सक के सहयोग से विकलांगता प्रमाणपत्र बनाने में मदत करते है लेकिन ये बताते हुवे बहुत दुःख हो रहा है क़ि विगत दशको से ये सुविधा हमारे जिले में नहीं होने क़ि वजह से दिव्यांग बच्चे एवं बड़े शासकीय सुविधावो का लाभ लेने से वंचित हो रहे है।
सरकार द्वारा मुख बधिर बच्चो के लिए कोक्लियर इम्प्लांट जैसी योजनाए चलाई जा रही है जिसमे जो बच्चा जन्म से सुन व बोल नहीं सकते उनके लिए इस कोक्लियर
शाखा का पता: केएडीसी 09, मंगलम गली, राजा सिंह हाउस के पास, न्यू कॉलोनी रोड,
इम्प्लांट के माध्यम से सुन एवं बोल पाते है लेकिन सरकार के नियमो के अनुसार इस योजना का लाभ केवल ५ साल से कम के ही बच्चे उठा सकते है, लेकिन हमारे जिले में श्रवण एवं वाणी विशेषज्ञ ना होने के कारण ऐसे बच्चो को मिर्ज़ापुर या वाराणसी रेफेर किया जाता है जिसमे वहा जाने पर पता चलता है क़ि डॉक्टर छुट्टी पर है या 6 से 8 महीने बाद का अपॉइंटमेंट दे कर वापस कर देते है जिसमे जायदातर बच्चे इस योजना से वंचित हो जाते है क्यों क़ि उनकी उम्र 5 साल से ज्यादा हो चुकी होती है।