माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश की ओर से कॉपियों की निष्पक्ष जांच नयी घोषणा की गयी है। इसके अनुसार अब कॉपी के मूल्यांकन के दौरान चेकर के साथ ही मुख्य परीक्षक और उप मुख्य परीक्षक भी शामिल होंगे जिससे कॉपी की निष्पक्ष जांच हो सके ताकि मूल्यांकन में किसी भी प्रकार की त्रुटि न रह जाये। अभी तक इस तरीके से कॉपियों की जांच सीबीएसई की ओर से की जाती है जिसे अब मध्य प्रदेश बोर्ड ने भी अपनाने का फैसला किया है।इस बार कॉपी की चेकिंग के दौरान शिक्षकों को आंसर की भी प्रदान की जाएगी। इस आंसर की के माध्यम से शिक्षक कम समय में और सही तरीके से कापियों का मूल्यांकन कर पायेंगे। इस आंसर की से यह भी पता लगाने में आसानी होगी कि छात्र ने उत्तर कितना सही लिखा है।आंसर की में दिए गए उत्तर से मिलान करने पर अगर छात्रों का कॉन्सेप्ट सही पाया जाता है तो उसके लिए भी अंक प्रदान किये जाएंगे लेकिन अंक छात्रों द्वारा उत्तर में कवर किये गए बिंदुओं के अनुसार ही प्रदान किये जाएंगे। जैसे अगर छात्र ने छह नंबर के प्रश्न में निर्धारित 10 बिंदुओं में से अगर 5 कवर किये हैं और उसका कॉन्सेप्ट सही है तो उसके लिए आधे अंक प्रदान किये जाएंगे।मूल्यांकन के दौरान अगर किस छात्र को 90 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त होते हैं तो उनकी कॉपी को रीचेक किया जाएगा। कॉपियों की रीचेकिंग मुख्य परीक्षक और उप मुख्य परीक्षक द्वारा की जाएगी। इससे छात्र के मूल्यांकन में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं हो सकेगी।