वप्पी लहरी आज अलविदा कह गये
वप्पी लहरी आज अलविदा कह गये
देव मणि शुक्ल
भारत में डिस्को म्यूजिक को लोकप्रिय बनाने वाले संगीतकार और गायक बप्पी लहरी का आज मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे।
बप्पी दा के निधन की खबर पर किसी को भी यकीन नहीं हुआ। हर कोई यही सोचने लगा कि काश यह खबर गलत हो। लेकिन उनके निधन की पुष्टि होते ही फिल्म इंडस्ट्री से लेकर फैंस के बीच सन्नाटा पसर गया। बप्पी दा ने 1970-80 के दशक के दौरान 'चलते चलते', 'डिस्को डांसर' और 'शराबी' जैसी फिल्मों में कई सुपरहिट गाने दिए हैं। उनका आखिरी बॉलीवुड गाना 'भंकस' साल 2020 की फिल्म 'बागी 3' के लिए था।
क्रिटिकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने बताया कि लहरी पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई और उन्हें दोबारा अस्पताल मे भर्ती कराया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। उनकी मृत्यु ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण हुई है।
बॉलिवुड में गायकों का एक अलग ही मुकाम रहा है हर गायक का एक अलग ही तरीका होता है। लेकिन कई बार इन्हीं गायकों में से कोई गायक अपना एक ऐसा स्थान बनाता है जो बाकियों से बिलकुल जुदा होता है। ऐसे ही गायकों में से एक थे।हमारे बप्पी दा यानि बॉलिवुड के पहले रॉक स्टार बप्पी लाहिड़ी।
बप्पी लाहिड़ी ने बॉलिवुड में गीतों को पॉप का तड़का लगाया और भारतीय दर्शकों को एक नया स्वाद प्रदान किया। भारतीय संगीत जगत में एक समय ऐसा भी था जब बप्पी लाहिड़ी का नाम आते ही लोगों के जहन में झुमते हुए गानें और बेहतरीन म्यूजिक घुमता था।
बप्पी लाहिड़ी और उनका सोने से प्यार
बप्पी लाहिड़ी की एक और खासियत उनके गहने थे।गले में सोने की मोटी चेन और भारी-भारी अंगूठियां पहले बप्पी लाहिड़ी को देखने वाले सोने की दुकान तक कहते थे। लेकिन सच तो यह है कि बप्पी लाहिड़ी को सोने से बेहद लगाव था। और वह सोने को अपने लिए लकी मानते थे।
बप्पी लाहिड़ी का निजी जीवन
27 नवंबर, 1952 को बप्पी लाहिड़ी का जन्म कोलकाता में हुआ था। वह एक धनाढ्य़ संगीत घराने से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे।उनकी माता बांसरी लाहिड़ी भी बांग्ला संगीतकार थीं। बप्पी दा अपने माता पिता की अकेली संतान थे।
बचपन से ही उन्होंने विश्वप्रसिद्ध होने के सपने देखना शुरू कर दिया था। तीन साल की उम्र में तबला सीखने के साथ उन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की। संगीतकार किशोर कुमार और एस. मुखर्जी उनके संबंधी हैं
। उन्होंने संगीत अपने माता पिता से ही सीखी और 19 साल की उम्र में पहली बार उन्हें बंगाली फिल्म “दादु” में गाना गाने के लिए चुना गया था।
बप्पी लाहिड़ी का व्यक्तित्व
बप्पी लाहिड़ी की बात हो और उनके स्टाइल पर नजर ना जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। महंगे और सोने के गहने पहनने वाले बप्पी लाहिड़ी हमेशा रॉकस्टार की लुक में नजर आते थे। बातचीत के ढंग से भी वह एक ऐसा मिश्रण लगते थे। जिसमें भारतीय रंग रूप के साथ अधिक मात्रा में विदेशी फैशन हो उनके पहनावे में अधिकतर ट्रैकसूट या कुर्ता पायजामा होता था।इसके साथ ही बप्पी लाहिड़ी अपने धूप के चश्मों को गर्मी हो या सर्दी कभी नहीं छोड़ते थे।
कैरियर
हिन्दी फिल्मों में
बप्पी लाहिड़ी 19 साल की उम्र में ही बॉलिवुड में नाम कमाने के लिए मुंबई चले गए थे।साल 1973 में उन्हें हिन्दी फिल्म “नन्हा शिकारी” में गाना गाने का मौका मिल गया था। हालांकि उन्हें बॉलिवुड में असली पहचान 1975 की फिल्म “जख्मी” से मिली। इस फिल्म में उन्होंने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार जैसे महान गायकों के साथ गाना गाया। इसके बाद तो जैसे बप्पी दा का गाना सबकी जुबान पर छाने लगा।
इसके बाद दौर आया बप्पी लाहिड़ी और मिथुन चक्रवर्ती की जोड़ी का। इस दोनों की जोड़ी ने बॉलिवुड में ऐसी धूम मचाई कि सब डांस और डिस्को म्यूजिक के दीवाने हो गए। उन्होंने मिलकर डिस्को डांसर, डांस डांस, कसम पैदा करने वाले जैसी फिल्मों को अपने गानों से ही हिट बना दिया था।
हिन्दी सिनेमा में बिना हिन्दी से छेड़छाड़ किए बप्पी दा ने संगीत को नई दिशा दी।उन्होंने अपने एलबमों में अशोक कुमार और आशा भोसले की आवाज का बखूबी इस्तेमाल किया। एलिशा चिनॉय और ऊषा उथुप के साथ मिलकर उन्होंने कई हिट नंबर दिए।
हालांकि उन पर कई बार विदेशी धुनों को भी चुराने का आरोप लगा पर उन्होंने आगे बढ़ने पर ही जोर दिया।1990 के दशक में बप्पी दा फिल्मों से पूरी तरह अलग होकर अपने एलबमों पर ही काम करने लगे थे।
बप्पी दा के कुछ खास गाने
उनके हिट गानों में से कुछ खास निम्न हैं -याद आ रहा है और सुपर डांसर (डिस्को डांसर), बॉम्बे से आया मेरा दोस्त (आप की खातिर), ऐसे जीना भी क्या जीना है (कसम पैदा करने वाले की), प्यार चाहिए मुझे जीने के लिए (मनोकामना), रात बाकी (नमक हलाल), यार बिना चैन कहां रे (साहब), ऊ ला ला ऊ ला ला (द डर्टी पिक्चर)