माननीय प्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदीजी के मार्गदर्शन एवम् प्रेरणा से वाराणसी(UP) के किसानों के लिए बनास डेयरी
बनासकांठा गुजरात से नैपियर घास (बुलेट घास) किसानों को उगाने के लिए भेजी गई।
दिनांक 19/9/23 को बनास डेयरी के माननीय चैयरमैन साहब के वाराणसी दौरे के दौरान वहाँ के किसानो से हुई चर्चा के बाद नैपियर घास (बुलेट ग्रास) की स्टेम गुजरात के बनासकांठा से यूपी के वाराणसी लाया गया।
ता. 29/09/2023 को वाराणसी कें जागरूक दुग्ध उत्पादको की मीटिंग बुलाई गई उस में बनास डेयरी के फोड़र विभाग द्वारा विस्तार में घास उगाने के बारे में बताया गया तथा उसका डेमो कर के दिखाया गया। सभी को नैपियर घास (बुलेट ग्रास) के स्टेम वितरित किए गए उनसे आज ही अपने अपने खेतों में लगाने के लिए कहा गया।
सभी लाभार्थियों का एक व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाया गया। उस में प्रोग्रेस और चारे से संबंधित जानकारी लेने के लिए कहा गया। पशुओं को घास खिलाने के लाभ भी विस्तार में समझाए गए ।
नेपियर घास के लाभ :
- पूरे साल हरा चारा पशुओं को उपलब्ध रहता है ।
- वधू उपज और वधू लबाई
- नेपियर घास बहुत तेजी से बढ़ती है।
- विकास में आसानी, लंबी आयु, कीटनाशकों या ज़्यादा उर्वरकों की आवश्यकता नहीं और रखरखाव कम करना पड़ता है ।
- प्रथम कट ६० से ७० दिनमें आ जाता है ।
- इसका तना मुलायम होता है जिसे काटना आसान होता है।
- कोमल, युवा पत्तियाँ और तने पशुओं के लिए बहुत स्वादिष्ट होते हैं।
- आपके पशुधन को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद करता है और दूध उत्पादन भी बढ़ाता है।
- इसमें 8-12% क्रूड प्रोटीन और 26-28% क्रूड फाइबर होता है
- १ साल में ६ से ८ कटिंग
- १५० से ३०० टन/हेक्टर लीला चार १ सालमे मिलता है ।
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएं और मिट्टी का कटाव कम करें।