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प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध ऐक्टू ने सीएचसी/पीएचसी पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।
प्रयागराज में सदर, फूलपुर, बहरिया,चाका, बहादुरपुर, मेंजा, भगवतपुर समेत कई ब्लाकों में हुए प्रदर्शन।
बकाया भुगतान समेत विभिन्न मांगो को तत्काल पूरा करने की मांग।
17मई/प्रयागराज

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध ऐक्टू के  प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध ऐक्टू ने प्रयागराज सदर, फूलपुर, बहरिया,चाका, बहादुरपुर, मेंजा, भगवतपुर समेत कई ब्लाकों के सीएचसी/पीएचसी पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से बकाया भुगतान समेत विभिन्न मांगो को तत्काल पूरा करने की मांग उठाई गई।
आज प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला अध्यक्ष आशा देवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने खुद आशा का 6700+ अन्य कार्यों की प्रोत्साहन राशि व संगिनी बहनों का 11000 + अन्य सेवाओं की प्रोत्साहन राशि देने की बात कही लेकिन यह भी अभी तक सरकारी जुमला ही बना हुआ है। उन्होंने ने कहा कि आशा समाजसेविका नहीं कर्मचारी है जिसकी मान्यता श्रम सम्मेलन से मिली है।इनको न्यूनतम वेतनमान व पीएफ, ईएसआई, पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। प्रदेश भर में आशा व आशा  संगिनी का 4_6 माह तक  संपूर्ण मानदेय बकाया रहता  है , बहुत अल्प प्रोत्साहन राशि  में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार होती रहती हैं , किंतु उस अल्प अपमानजनक कथित मानदेय के भुगतान की चिंता न एन एच एम को रहती है और न  सरकार को।  
          उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला सचिव सरोज कुशवाहा  ने कहा कि सरकार में चुनावी वर्ष में समारोह पूर्वक आशा कर्मियों को बाहर कहकर मोबाइल भेंट किए थे अब उन्हें कचरा मोबाइल से कार्य का डाटा फिट करने आयुष्मान कार्ड बनाने का फरमान जारी किया है। डाटा उधार, 2G नेटवर्क, दूरदराज ग्रामीण जीवन में नेटवर्क शंकट, उस पर 1 घंटे की ट्रेनिंग पर कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य करने के दबाव बनाया जाता है जो कत्तई उचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की मंडल अध्यक्ष रेखा मौर्य ने कहा कि अल्प मानदेय में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार हैं और कई- कई माह की प्रोत्साहन राशि बकाया है । इसके अलावा भी वर्षों से पल्स पोलियो, दस्तक व आयुष्मान कार्ड बनाने जैसे कार्यों में अलग से समकालीन कार्यों में किए गए नियोजनों की कोई प्रोत्साहन राशि आज तक भुगतान नहीं की गई । 
        उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला उपाध्यक्ष रंजना ने कहा कि पूरे प्रदेश में आशा व आशा संगिनी यौन उत्पीड़न का शिकार होती रहती हैं। जिसकी रोक व शिकायत के लिए किसी ऐसे पटल की व्यवस्था नहीं है जिसमें निःसंकोच शिकायत पर त्वरित न्याय पाया जा सके, जबकि इस तरह का अपमानजनक स्थितियों से आए दिन कहीं ना कहीं आशा व आशा संगिनी को गुजरना पड़ता है। अस्पतालों में आशा विश्राम घर या तो है नहीं और अगर कहीं है तो उनको कबाड़ रखने में प्रयोग किया जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों से भी लूट का खसोटखुलेआम जारी है। विरोध  करने पर आशा ही उनके कोप का शिकार बनती है। आए दिन आशा कर्मियों के साथ चिकित्सक, स्टाफ कर्मियों द्वारा मारपीट की घटनाओं के मूल में यही अवैध उगाही है। 
       उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की नेता राजेश्वरी ने कहा कि कोई भी आशा ऐसी नहीं है जिसने 5 से 1000 तक गोल्डन आयुष्मान कार्ड बनाने समेत अन्य कामों  में योगदान न  किया हो , और वर्तमान समय में फिर योगदान कराया जा रहा है । पूर्व घोषित ₹5 प्रति कार्ड की अनुतोष राशि व इस वर्ष की प्रति कार्ड की घोषित ₹10 की राशि का पैसा भुगतान नहीं मिला । 
          प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश सचिव कामरेड अनिल वर्मा ने कहा कि मोदी योगी सरकार महिलाओं के विकास का नगाड़ा पीट रही है लेकिन सच्चाई इसके उलट है। बार-बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद सरकार न्यूनतम वेतन के प्रश्न को सुनने को तैयार नहीं है और ना ही भविष्य निधि, ग्रेच्युटी , किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा, वार्षिक अवकाश,मातृत्व अवकाश को भी देने के लिए तैयार है।
 आशा वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी सदस्य बबिता ने कहा कि सरकार हमारी मांगे यही पूरी करती है तो 2024 के चुनाव में सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।
ऐक्टू के जिला संयोजक आनंद ने कहा कि सरकार महिलाओं की बेहतरी के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं लाने की बात कर रही है लेकिन आशा कर्मचारियों की न्यूनतम राशि भी सरकार देने को तैयार नहीं है। महिला विरोधी कर्मचारी विरोधी भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
       नेताओं ने कहा कि मोदी योगी सरकार हमारी मांगो को शीघ्र पूरा नहीं करती है तो इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

 प्रदर्शन में कोरांव ब्लाक अध्यक्ष सरिता सिंह, सचिव सुषमा मिश्रा, चाका की अध्यक्ष ममता, सचिव रानी निषाद, धनुपुर अध्यक्ष बबिता गौतम, मंत्री पुष्पा यादव,  बहरिया की अध्यक्ष संगीता सिंह,  मेजा की अध्यक्ष किरण सिंह,  फूलपुर की अध्यक्ष बसंती मौर्य, सचिव मंजू देवी, प्रतापपुर की अध्यक्ष बबिता सिंह, जसरा की शैल कुमारी, करछना से अन्नपूर्णा झा, मीना सिंह, सैदाबाद अध्यक्ष ममता यादव, भगवतपुर की अध्यक्ष आरती, कौधियारा  से अंजू शर्मा, निशा कुशवाहा, बहादुरपुर से संगीता सिंह,अनीता पटेल, रुक्मणि, नगमा बानों , ऊषा देवी ,सीता देवी सरिता, पुष्पा, राजेश्वरी, शशिकला , पुष्पा, मंजू, अंजीता, रेखा, मुन्नी देवी, पूनम‌ मौर्या, रीता आदि सैकड़ों आशा शामिल हुई।
     द्वारा
देवानंद
संयोजक ऐक्टू प्रयागराज