वट सावित्री व्रत के दिन बन रहा है अद्भुत संयोग, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और परिवार में सुख-शांति लाने के लिए वट यानि बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं। इस दिन को ज्योतिष दृष्टिकोण से भी बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसी दिन न्याय के देवता शनि देव का जन्म हुआ था। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत की शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या का शुभारंभ 18 मई को रात्रि 09 बजकर 42 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 19 मई को रात्रि 09 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस विशेष दिन पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है जो संध्या 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।शनि देव का अवतरण हुआ था। ज्योतिष दृष्टिकोण से इस दिन को विशेष माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन राशियों के कुंडली में शनि ढैय्या या शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है, उन्हें इस दिन शनि की पूजा-पाठ से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस दिन शश राजयोग भी रहेगा, जिसका लाभ सभी राशियों को अलग-अलग तरह से मिलेगा।
शास्त्रों में बताया गया है कि वट सावित्री के दिन उपवास रखने से सुहागिन महिलाओं को परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और पति की लंबी आयु होती है। इसके साथ जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है।