वक़्त जो थम सा गया है ।
06/05/2023
वक़्त जो थम सा गया है ।
कुछ लफ़्ज़ उठे थे मन में, सोचा बयान कर दूँ ।
क्या पता था की वक़्त थम सा जाएगा ।
कुछ बातें थी दिल में, सोचा उन तक पहुँचा दूँ ।
क्या पता था हमें की यह वक़्त उस तक पहुँचने ना देगा ।
कुछ प्रश्न थे इस विचलित स्वभाव में, सोचा जवाब ढूँढ लूँ ।
क्या पता था हमें की यह वक़्त वह जवाब ना दिलवाएगा ।
कुछ समय बिताने की ज़िद्द थी उनके साथ, सोचा था एक चाय साथ पी लूँ ।
क्या पता था हमें की यह वक़्त वह चाय भी ना नसीब करवाएगा |
कुछ उलझी सी ये कहानी है, सोचा था समय के साथ सुलझाऊँगा ।
क्या पता था हमें यह वक़्त थम सा जाएगा ।