राम वन गमन एवं केवट संवाद का प्रसंग सुनाया
राम वन गमन एवं केवट संवाद का प्रसंग सुनाया
देव मणि शुक्ल
नोएडा सेक्टर 82 स्थित पॉकेट 7 में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी पंचमानंद महाराज ने प्रसंग सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में राजा दशरथ की इच्छानुसार राम के राज्याभिषेक की तैयारी होती है। राज्य की जनता बहुत खुश है लेकिन दासी मंथरा के समझाने पर कैकयी राजा दशरथ से राम के लिए वनवास और भरत के लिए सिंघासन मांगती है। पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए राम, लखमन और सीता सहित वन को चले जाते हैं। भगवान राम गंगा किनारे पहुंचते है जहां केवट से गंगा पार कराने को कहते हैं।" मांगी नाव न केवट आना, कहेंहु तुम्हार मरमु मैं जाना। केवट भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के चरण धोकर उनको गंगा के पार पहुंचाते हैं।
इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने कहा कि 13 अप्रैल को चित्रकूट निवास, दशरथ मरण एवं भरत मिलाप आदि प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रवक्ता राघवेन्द्र दुबे, देवमणि शुक्ल, रवि राघव, शिवव्रत तिवारी, संजय पांडे, अंगद सिंह तोमर , एन के सोलंकी, गोरेलाल, सुशील पाल, अजय श्रीवास्तव, पंकज झा, हरि शंकर सिंह, राजेश गुप्ता, सियाराम, गुरुमेल सिंह, सी एल तिवारी ,हंस मणि शुक्ल, धर्मेंद्र सिंह,रमेश चंद्र शर्मा, विकास शर्मा, रमेश कुमार वर्मा,पंडित गौरव,,पं नीरज शर्मा,संगम प्रसाद मिश्र, शिव चौधरी, गिरिराज जी, रमेश चंद्र दास, महेन्द्र सिंह प्रमोद श्रीवास्तव, प्रदीप तोमर, सत्येन्द्र प्रताप सिंह,अजय सिंह मनोज कुमार झा,आर पी सिंह, राजेश कुमार पाठक,एस के तिवारी, रतन भारद्वाज दीपक तिवारी रवि उपाध्यायसहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहे।