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मां ही निकली अपनी मासूम बच्ची की कातिल, जिन्दा ही अपनी बेटी को फेंक दी थी कुएं में, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

नैनी। आखिरकार पुलिस ने मासूम साढ़े चार वर्षीय बालिका के कातिल को गिरफ्तार कर रविवार को सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब हो ही गई। मां ने ही अपनी मासूम बच्ची को जिंदा रहते हुए घर से महज 15 मीटर की दूरी पर स्थित कुएं में फेंक दी थी। जिससे उसकी मौत हो गई थी। गौरतलब हो कि औद्योगिक क्षेत्र के मवैया गांव निवासी संजय कुमार यादव पुत्र स्वर्गीय बबऊ राम यादव नैनी के श्री सोमेश्वर नाथ उपकेंद्र में बतौर संविदा लाइनमैन पद पर तैनात हैं। उसकी साढ़े चार वर्षीय बेटी सौम्या सरपतहिया स्थित केजी में पढ़ाई करती थी। बीते 10 फरवरी देर रात बेटी का पेट खराब होने पर वह अपनी मां के साथ सो रही थी। परिजनों के मुताबिक उस समय 11:00 और 12:00 बजे देर रात दो बार उसकी मां स्वयं घर के बाहर सोच के लिए ले गई थी। देर रात अचानक सोते हुए मासूम बालिका अपने बिस्तर से संदिग्ध हालत में लापता हो गई। जिसका शव अगले दिन 11 फरवरी सुबह घर के बाहर कुएं से एसडीआरएफ की टीम ने बरामद कर पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामान्य पानी में डूबने से मौत की पुष्टि हुई थी। जबकि परिजनों व ग्रामीणों के बीच कई तरह की चर्चाएं उस वक्त व्याप्त थी। पुलिस ने संजय के भाई पवन कुमार यादव के लिखित प्रार्थना पत्र पर फौरी तौर पर औद्योगिक क्षेत्र थाने में इत्फाकिया जीडी पर दर्ज किया गया था। वहीं तीन दिन पूर्व आरोपित पत्नी के पति ने बेटी की हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को तहरीर देकर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए गुहार लगाया था। तहरीर मिलने के बाद पुलिस फुल एक्शन में आई और
 पुलिस अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए प्रत्येक पहलुओं की बारीकी से जांच करते रहे।  पुलिस ने परिजनों के कॉल डिटेल पर केंद्रित हो गई। फिर भी कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहे थे। पुलिस जांच पड़ताल करने में जुटी रही और एक कड़ी से दूसरी कड़ी पर बारीकी से जांच करती रही। रविवार को पुलिस महिला पुलिस कर्मियों को साथ लेकर ममता देवी को गिरफ्तार कर थाने पर उठा लाए। ममता देवी पहले पुलिस को गुमराह करने के लिए भरसक प्रयास की, लेकिन उसकी खाकी के आगे एक न चली और वह तोते की तरह अपना बयान देना शुरू कर दिया। पूछताछ के दौरान उसने अपनी बेटी की हत्या किन वजहों से कि वह सारी चीजें पुलिस को बताया। पुलिस भी आरोपित महिला के बयान सुनकर दंग रह गए। पूछताछ के दौरान आरोपित महिला ने पुलिस को बताया कि बीते लगभग ढाई माह पूर्व सुबह के समय ममता सूट पहनकर बर्तन धो रही थी। इसी दौरान पति संजय ने देखा तो उससे कहा कि दुपट्टा पहन लो। जिस पर वह संजय की बात को अनसुना कर दी तो उसने इसकी शिकायत अपनी मां से कर दी। जिस पर ममता यादव इतनी खुन्नस खाई कि वह अपने कमरे में आई और लेट गई। सुबह का समय था और मासूम सौम्या को स्कूल जाने के लिए भी तैयार करना था। जब पति ममता के कमरे में पहुंचा तो वह सिंदूर खाकर लेटी हुई थी। जिससे वह घबरा गया और चार-पांच झापड़ रसीद कर दिया। पत्नी की शिकायत पति ने अपने ससुर से भी कर दी। जबकि दमाद और ससुर के बीच होने वाले बात स्पीकर पर था तो ममता सुन ली। बताते हैं कि ममता के पिता ने कहा कि यदि बेटी ने ऐसा किया है तो गलत है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। मोबाइल कॉल कटने के बाद पत्नी ने अपने पति को धमकी दी कि यदि बेटी ना होती तो हम तुम्हें छोड़ कर चले जाते और तुम्हारे साथ में नहीं रहते। बताते हैं कि आरोपित महिला ममता यादव उसी दिन लगभग ढाई महीने से अपनी बेटी को मारने के लिए प्लानिंग तैयार कर रही थी। आखिरकार वह 10 फरवरी की रात एक साजिश के पहले जिस कमरे में उसके दोनों देवर पवन और कृष्णा सो रहे थे। बाहर से कुंडी लगा दी और अपनी सगी मासूम बेटी को जिंदा ही कुएं में फेंकने के बाद दबे पांव अपने कमरे में पहुंची और रजाई ओढ़ कर सोने का नाटक करने लगी। इधर जब पवन किसी कार्य हेतु कमरे से बाहर जाने के लिए कोशिश किया तो उसके दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद मिली। आवाज सुनने पर उसकी मां ने बाहर से कुंडी को खोला। फिर  भोर में लगभग 3:00 बजे ममता यादव गौशाला में सो रहे अपने पति संजय के पास पहुंची और बेटी के लापता होने की जानकारी दी। 
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ममता के दिमाग में क्या चल रहा था यह परिजन नहीं भाप पाए। 
अंततः 10 फरवरी की रात उसने अपनी बेटी को ले जाकर कुएं में फेंक दी और फिल्मी ड्रामा के तहत भोर 3:00 बजे अपने पति के पास पहुंची और कही की सौम्या मिल नहीं रही है। तब तक कई गांव वालों भी शोरगुल की आवाज सुनकर मौके पर पहुंच चुके थे। परिजन ग्रामीणों के संग मिलकर लापता बालिका की खोजबीन शुरू कर दिए।  उसी वक्त कई ग्रामीणों को ममता के ऊपर उस वक्त शक हो गया। जब उसने कहा कि हो सकता है कि कोई जानवर बेटी को उठा ले गया हो। पग पग पर वह बात को बदलती रही और अंत में परिजनों से कही कि कुएं में भी गिर सकती है। जबकि कुएं की ऊंचाई को देखकर ग्रामीणों और परिजनों को यह यकीन नहीं हुआ कि मासूम बेटी इतनी ऊंचाई पर चढ़कर कुएं में  छलांग लगा देगी। हालांकि अगले दिन पुलिस ने एसडीआरएफ टीम की मदद से उसी कुएं के अंदर से मासूम बालिका के शव को बाहर निकाला था। 
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पहले कातिल मां के चेहरे पर नहीं था कोई शिकन, खाकी को देखते ही आंसू बहने लगे

(सुनील गिरि)

 मामूली विवाद में एक कलयुगी मां ने अपनी कोख से जन्मी बेटी को ही मौत के घाट उतार दी। ऐसी कातिल मां की चर्चा क्षेत्र में  चर्चा का केंद्र बना हुआ है। क्या ऐसी भी कोई मां होती है जो 9 महीने कोख में बेटी को रखकर जन्म देती है और मामूली विवाद में अपनी बेटी को ही मौत के घाट उतार दे। बताते हैं कि जिस वक्त बेटी का शव बरामद हुआ था। अंतिम संस्कार के बाद ममता यादव के चेहरे पर बेटी की मौत का कोई गम नहीं था। पुलिस जब जांच पड़ताल के लिए जाती तो वह बड़ी सफाई से सहयोग देने में जुटी हुई थी। पुलिस को उसके हाव-भाव से शक हो गया था। रविवार को पुलिस जब उससे मौत की वजहों के बारे में पूछताछ शुरू की तो उसने वही पुरानी बातों को दोहराना शुरू कर दिया। हालांकि खाकी के आगे ममता यादों की एक न चली और तोते की तरह सारी सच्चाई पुलिस के सामने उगलने लगी। साथी उसके आंखों से आंसू बहने लगे। पुलिस भी हैरान थी कि क्या कोई महिला मामूली विवाद में अपनी ही सगी बेटी को जिंदा कुएं में कैसे फेंक सकती है। आखिरकार कलयुग है, कुछ भी हो सकता है। सूत्रों पर यदि हम यकीन करें तो ममता का कहना था कि ना रहेगी बांस न बजेगी बांसुरी, वह इस कदर खुन्नस खाई हुई थी कि वह कुछ भी कर सकती थी। कातिल मां की करतूत जब उसके घर वालों ने जाना तो सभी के पैरों तले जमीन खिसक गए। हालांकि पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए आरोपित कातिल ममता यादव को सलाखों के पीछे भेज दिए।
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खुलासा करने वाली टीम

औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी संजीव कुमार चौबे, हेड कांस्टेबल बिट्टू त्रिवेदी, कांस्टेबल सुभाष चंद्र, धर्मेंद्र यादव व महिला कांस्टेबल रेखा देवी और रोली यादव शामिल रही।