अस्पतालों में वायरल फीवर और टाइफाइड के मरीज बढ़े, अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन के लिये लम्बी लगी लाइनें!
प्रयागराज!
मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। दिन में गर्मी होने से लोग हल्के कपड़े पहनकर घर से निकल रहे हैं और शाम होते ही ठंड का असर शुरू हो जाता है। यही कारण है कि लोग सर्दी जुकाम और बुखार से ग्रसित हो रहे हैं। हर घर में वायरल फीवर, जुकाम और टाइफाइड जैसी बीमारियों की दस्तक हो चुकी है।
अस्पतालों में सबसे ज्यादा भीड़ फिजीशियन की OPD में हो रही है। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल, मोतीलाल लाल नेहरू मंडलीय अस्पताल, तेज बहादुर सप्रू अस्पताल में भीड़ सबसे ज्यादा हो रही है। वहीं, बच्चे भी इसे अछूते नहीं हैं। सरोजनी नायडू चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भी बीमार बच्चे पहुंच रहे हैं।
100 में 30 मरीज वायरल फीवर से परेशान : मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) के सीनियर फिजिशियन डॉ. केके मिश्रा कहते हैं कि करीब 15 दिनों से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। यहां 100 में लगभग 30 मरीज मौसम में हो रहे बदलाव के चलते वायरल फीवर से पीड़ित होकर पहुंच रहा है। ऐसे मरीजों को ज्यादा जांच कराने के बजाय दवा देकर लापरवाही न बरतने की सलाह दी जाती है।
डॉ. मिश्रा कहते हैं कि ठंड अभी पूरी तरह से नहीं गई है इसलिए यह ध्यान देना होगा कि घर से निकलते समय गर्म कपड़े जरूर पहनें। ठंड और गर्मी के चलते स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। बच्चों को भी विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि वह जल्दी ही बीमार हो जाते हैं।
अस्थमा के मरीजों को इस मौसम में ज्यादा खतरा : डॉ. केके मिश्रा बताते हैं कि साल में तीन बार ऐसा होता है जब मौसम में बदलाव होता है। इसमें किस तरह से बच कर रहना है यह लोग भूल जाते हैं। बस इसी लापरवाही से वह बीमार पड़ जाते हैं। सांस फूलने की बीमारी भी ज्यादा देखी जाती है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम ज्यादा खतरनाक होता है। क्योंकि उनके फेफड़े पहले से ही कमजोर होते हैं और जब ऐसे मौसम होते हैं तो उनमें इंफेक्शन के खतरे बढ़ जाते हैं। उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।