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सरस मेले में पंजाब के लोक नृत्य भांगड़ा ने बांधा समा I पंजाब का मशहूर भांगड़ा नृत्य बना सरस मेले की शान I


 

नोएडा सेक्टर-33ए स्थित नोएडा हाट में आयोजित सरस आजीविका मेले के चौथे दिन सोमवार को भारी संख्या में लोग पहुंचे। ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान एनआईआरडीपीआर द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेले में इस बार जहां स्टाल की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं फूड कोर्ट में भी बीते वर्ष से अधिक राज्यों के व्यंजन उपलब्ध हैं। मेले में विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक आयोजन आकर्षण का केंद्र बने हैं। सोमवार को यहा पंजाब के सुप्रसिद्ध लोकनृत्य भागड़ा ने समां बांध दिया। आज यहां मुख्य रूप से पंजाब के कलाकारों ने भांगड़ा के साथ अन्य प्रस्तुतियों से मंच की शोभा बढ़ाई। भांगड़ा में 16 कलाकारों ने दर्शकों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। 5 मार्च तक आयोजित सरस मेले में इस बार हर दिन देशभर से विभिन्न राज्यों के लोकनृत्यों की झलक यहां देखने को मिलेगी। जिसमें 21 फरवरी को हिमाचल का फॉक डांस, 22 को जम्मू-कश्मीर का रॉक डांस, 23 को गुजरात का डांडिया गरबा, 24 को मध्य प्रदेश का संथल ट्राइब्स डांस तथा 25 को राजस्थान का कलबेलिया घूमर चेरी डांस शामिल हैं। इसके साथ ही अन्य राज्यों के लोकनृत्यों की भी प्रस्तुति यहां 26 फरवरी से 5 मार्च तक निरंतर दी जाएगी। मेले में देश के विभिन्न राज्यों के उत्पाद, व्यंजन तथा संस्कृति का अद्भुत संगम है।
इसके साथ ही विभिन्न राज्यों के महिला समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादों की भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। यहां गुजरात के श्री कृष्णा स्वयं सहायता समूह की पूनम बेन के हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद, जिनमें बैग, हैंड बैग तथा डिजाइनर बेडशीट महिलाओं को खासे पसंद आ रहे हैं। साथ ही गुजरात के जयकिशन मंडल की केसरबेन उत्पादों में कुचि हैंडीक्राफ्ट पॉट्री वर्क की भी धूम है। इसके साथ ही राजस्थान से जोगमैया राजीविका समूह की गंगा देवी के हैंडलूम में कुशन के उत्पाद महिलाओं को भा रहे हैं। राजस्थान के ही श्री श्याम समूह की पिंकी देवी के द्वारा निर्मित हैंडीक्राफ्ट पंजाबी जूती भी लोगों की पसंद बनीं हैं। एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर चिरंजी लाल कटारिया ने बताया कि विभाग के द्वारा सभी दीदीयों की सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर निरंतर नजर रखे हुए हैं। इसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना, सबाईग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आनपाल्मलीव ओडिशा, तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितल पट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स भी यहां उपलब्ध हैं। सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल आजीविका के अवसर सृजन कर रही हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण देश के सामने पेश कर रही हैं। यह निश्चित रूप से आजीविका यात्रा में एक मील का पत्थर है। वहीं, मेले मै सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। साथ ही जगह जगह सेनिटाइजेशन का भी इंतजाम किया गया है।