कैमूर वन प्रभाग में एक बार फिर एक तेंदुए की मौत हो गई।
गुरमा,सोनभद्र।कैमूर वन प्रभाग में एक बार फिर एक तेंदुए की मौत हो गई। उसका शव सोमवार की दोपहर केवटा ग्राम पंचायत बलुई टोले के प्राथमिक विद्यालय के सामने जंगल में पड़ा मिला। तेंदुए की मौत कैसे हुई फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। एक माह के अंदर सोनभद्र जिले में यह तीसरी तेंदुए के मौत की घटना है। जिससे वन विभाग मे हडकंप मचा हुआ है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना के बाद वन विभाग टीम जंगल पहुंची।टीम ने मौके से तेंदुआ का शव बरामद करअपने कब्जे मे ले लिया है। शव दो , तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। तेंदुए की मौत कैसे हुई फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। मृतक तेंदुआ नर प्रजाति का बताया जा रहा है। बताते चले की जिले मे पहला तेदुए की मौत 28 जनवरी को म्योरपुर जंगल मे जाल मे फंसकर मौत हो गई थी। दुसरी मौत 15 फरवरी को मारकुंडी घाटी मे सोन इंको प्वाइंट की समीप रोड पार करते समय अज्ञात वाहन के धक्के से हुए थी जो नर प्रजाति का बताया गया था। उसके बाद एक बार फिर तेंदुए की शव मिलने से वन विभाग मे हडकंप मच गया। लोगो का कहना है की वन विभाग के गणना में तेंदुए नहीं मिले तो फिर कहां से आ रहे तेंदुए वन विभाग की ओर से प्रत्येक तीन वर्ष पर वन्य जीवों की गणना कराई जाती है।
कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य में तेंदुए की मौत के लिए पीयूसीएल के प्रदेश सचिव विकास शाक्य एडवोकेट ने अवैध खनन को कारण बताया है। कहा कि अवैध खनन और सेंचुरी के बेहद करीब बफर जोन में भारी ट्रकों की आवाजाही से लगातार वन्य जीव प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से सोनभद्र में सेंचुरी एरिया के एक किमी दायरे को बफर जोर घोषित कर कई दिशा-निर्देश व मानक जारी किया है।
सोन नदी में शिल्पी से गुरदह 20 किलोमीटर व पटवध से कन्हौरा 14 किलोमीटर कैमूर वन्य जीव विहार में है। बीच के 11 किलोमीटर नदी क्षेत्र में कई बालू खनन पट्टे स्वीकृत कर दिए गए हैं। मानक को ध्यान में रखा जाता तो सोन नदी में पानी पीने और जलक्रीड़ा के लिए जाने वाले वन्य जीव नदी में ट्रकों की लंबी कतारों व ध्वनि प्रदूषण से आहत होकर के बेसुध आबादी की ओर नहीं भागते।