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रायबरेली जिले से प्रयागराज तक का सफर जल्द और आसान हो सकेगा!


रायबरेली जिले से प्रयागराज तक का सफर जल्द और आसान हो सकेगा। वजह रायबरेली-प्रतापगढ़ हाईवे को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। टेंडर प्रक्रिया 15 अप्रैल तक हो जाएगी। नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारियों का दावा है कि कार्यदायी एजेंसी नामित होने के बाद काम शुरू करा दिया जाएगा। पहले चरण में हाईवे पर चार जगह फोरलेन बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है। हाईवे के फोरलेन होने से लोगों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी।

रायबरेली-प्रयागराज हाईवे 94 किलोमीटर लंबा है। हाईवे के टू लेन होने के कारण अक्सर जाम लगता है। इससे राहगीरों को परेशानी होती है। सबसे ज्यादा दिक्कत सई नदी पुल पर होती है। पुल सकरा होने की वजह से अक्सर यहां लंबा जाम लगता है। इस समस्या को देखते हुए हाईवे को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। हाईवे फोरलेन हो जाने से करीब पांच लाख लोगों को आने-जाने में काफी राहत मिलेगी।

प्रगति पर बाईपास का काम, मार्च में शुरू होगा पुल निर्माण : हाईवे पर पहले चरण में जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार और प्रतापगढ़ जिले के आलापुर में बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है। इन बाईपासों की लंबाई करीब 29 किलोमीटर है। इसके साथ ही सई नदी पर नए पुल का निर्माण कराया जाएगा, जिसका निर्माण मार्च तक शुरू होने की उम्मीद है। इनके निर्माण में 618 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सई नदी पर बनने वाले पुल की लंबाई पहुंच मार्ग समेत दो किलोमीटर होगी।

करीब 1100 करोड़ से होगा फोरलेन का काम : 94 किलोमीटर लंबे रायबरेली-प्रयागराज हाईवे में आठ किलोमीटर फोरलेन का काम एनएचएआई प्रयागराज, जबकि शेष कार्य एनएचएआई रायबरेली को कराना है। निर्माण में करीब 1100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। फोरलेन का काम दिसंबर 2025 तक पूरा कराना है।

रायबरेली-प्रयागराज हाईवे पर चार बाईपासों का निर्माण चल रहा है। मार्च में सई नदी पर भी पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा। हाईवे के फोरलेन का कार्य शुरू कराने के लिए 15 अप्रैल तक टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। एजेंसी नामित होने के बाद काम शुरू करा दिया जाएगा -मनीष मिश्रा, साइट इंजीनियर एनएचएआई