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प्रयागराज में डीजल से चलने वाली सिटी बसों का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसका असर अब ई-बसों पर पड़ने लगा है। लोग अब ई-बसों के इंतजार में रहते हैं। सोमवार और मंगलवार को लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

दरअसल, फिटनेस न होने की वजह से इन बसों के संचालन पर परिवहन विभाग की ओर से रोक लगा दी गई है। यह बसें शहर के अलग अलग रूटों पर संचालित हो रही थीं। इससे नैनी, झूंसी और फाफामऊ की ओर जाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। कोई टेंपो का सहारा लेता देखा तो अन्य साधनों से निकला।

बताते हैं कि 120 डीजल बसों का संचालन शहर में हो रहा था। 2022 में 27 बसें खराब हो गई थीं और 20 बसें कई वर्षों में आगजनी से खराब हो गई थीं। इसी तरह इस माह 62 बसों का संचालन इस लिए रोक दिया गया क्योंकि इनकी फिटनेस नहीं हुई।

आंदाेलन की राह पर संविदाकर्मी : वहीं, इन बसों के संचालन बंद होने से रोडवेज के संविदाकर्मी आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। 16 फरवरी से ही वह झूंसी स्थित रोडवेज वर्कशॉप परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। अभी डीजल से संचालित होने वाली 24 बसें चलनी थी लेकिन उसके चालक और परिचालक भी समर्थन में अनशन पर बैठ गए ।

यही कारण रहा है कि सभी डीजल वाली सिटी बसें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। प्रयागराज सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सेवा प्रबंधक मुकेश कुमार कहते हैं कि जिन बसों के फिटनेस नहीं हो पाए हैं उनकी प्रक्रिया चल रही है।