बुढ़ापे में इन बातों का ध्यान रखकर बने रह सकते हैं लंबे समय तक हेल्दी और हैप्पी
उम्र बढ़े और इसका नकारात्मक असर देखने को न मिले इसके लिए कई चीजों को करने की जरुरत पड़ती है। हालांकि उम्र बढ़ने के दौरान सेहत को अच्छा बनाए रखना थोड़ा मुश्किल होता है। ज्यादातर समय हममें से कई लोग उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले बदलावों को नेचुरल मान कर दरकिनार कर देते हैं। लेकिन एक केयरटेकर होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने घर के बुजुर्गों की अच्छे से देखभाल अच्छे से करें। जिससे वो अपना बुढ़ापा भी एंजॉय कर सकें। कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि बूढ़े लोग बोरियत और बहुत ज्यादा सोचने की वजह से आपसे मदद मांगने में हिचकिचाते हैं। इस वजह से बुजुर्गों के मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है।
बूढ़े लोगों को रोजाना थोड़ी देर ही सही लेकिन किसी न किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। एक्सपर्ट की देखरेख में योग आदि भी कर सकते हैं। आपके लिए जो एक्टिविटी कंफर्टेबल हो, वो करें। इन शारीरिक गतिविधियों से आप काफी हद तक अपने बुढ़ापे को खुशहाल बना सकते हैं। आपकी उम्र चाहे जो भी हो, अपनी सेहत को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए और सेहत को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए। अगर आप एक सख्त डेली रूटीन का पालन करते हैं तो आप अपनी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
बुजुर्ग लोगों के लिए कुछ टिप्स बताये जा रहे हैं जिससे वे अपने आप को सेहतमंद रख सकते हैं।
- अगर आप किसी गंभीर समस्या से परेशान नहीं हैं तो साइकिलिंग से लेकर जॉगिंग तक कर सकते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तो एक्सपर्ट की देखरेख में नियमित रूप से एक्सरसाइज, मेडिटेशन और योग करना बेहतर ऑप्शन है।
- हर साल हेल्थ चेकअप कराएं, इससे बॉडी की कंडीशन के बारे में पता चलता रहता है और समय रहते किसी होने वाली बीमारी को उचित उपचार से ठीक किया जा सकता है।
साल में एक बार कैंसर स्क्रीनिंग भी कराएं जिससे कैंसर के शुरूआती स्टेज में ही इसका पता चल पाए और उसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सके।
- अगर आपके माता-पिता को कोई गंभीर बीमारी है तो उन्हें सपोर्टिव और पैलियाटिव केयर उपलब्ध कराएं।
- पैलियाटिव केयर से बूढ़े लोगों की जिंदगी की गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्हें इससे मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक और सामजिक समस्याओं से आराम मिलता है। पैलियाटिव केयर से बुजुर्ग लोग दशकों तक अच्छे से रह सकते हैं।
बुढ़ापे में कोई भी बीमारी गंभीर कॉम्प्लिकेशन पैदा करती है। यहां तक कि हल्की सी चोट भी इस उम्र में दर्दनाक साबित हो सकती है। इसलिए जब भी किसी बीमारी का पता चले तुरंत उसका समाधान ढूंढें। उसे जानलेवा स्थिति में न पहुंचने दें। बुढ़ापे में फ्लू और सामान्य सर्दी जैसे मामूली समस्याएं भी गंभीर हो सकती है और ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या साइनस जैसे गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं।
बुढ़ापे में पुरानी कोशिकाएं ठीक से काम नहीं करती हैं। लीवर, किडनी और अंडाशय में कोशिकाओं की संख्या उम्र बढ़ने के साथ घटती जाती है। जब कोशिकाओं की संख्या बहुत कम हो जाती है, तो अंग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। यह आगे चलकर ऑर्गन फेलियर और शरीर में अन्य बीमारियां पैदा करते हैं और इन बीमारियों से बुढ़ापे में निपटना मुश्किल हो जाता है।
अपनी सेहत और तंदुरूस्ती को बनाए रखने में फिट रहना, स्वस्थ भोजन और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रखना, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, हानिकारक पदार्थों से दूर रहना और प्रियजनों के साथ मेलजोल करना शामिल है। अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करने से काफी फायदा हो सकता है। भले ही आप वजन कम न करना चाहे तो भी नियमित शारीरिक गतिविधि से बुढ़ापे को अच्छे से बिताया जा सकता है।
इसके अलावा पैलियाटिव केयर जैसी सुविधाएं पूर्ण हीलिंग (उपचार) प्रदान कर सकती हैं और बुजुर्ग लोगों को रोज होने वाली समस्याओं से निपटने में मदद कर सकती हैं। म्यूजिक सेशन से लेकर स्पर्चुयल सेशन तक पैलियाटिव केयर सेंटर समग्र दृष्टिकोण से मरीजों को ठीक करते हैं, चाहे बीमारी किसी भी स्टेज में क्यों न हो, पैलियाटिव केयर से लाभ मिल सकता है।