प्रयागराज के गांवों में पढ़ा रही रोबोट टीचर, MNNIT के बीटेक छात्र का कमाल
प्रयागराज :- एमएनएनआईटी से बीटेक कर चुके हिमांशु ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनूठा रोबोट बनाया है। हिमांशु ने साल 2022 में MNNIT के बायोटेक्नोलॉजी ब्रांच से बीटेक की डिग्री हासिल की और स्टार्ट अप शुरू किया।
बच्चों को खिलौने बेहद प्रिय होते हैं। स्कूल की कक्षाओं से दूरी बनाने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए यदि रोबोट मैम मिल जाएं तो फिर बात ही क्या। किताबों और पढ़ाई से भागने वाले बच्चों को भी ऐसी कक्षाएं रास आएंगी। कुछ इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हिमांशु ने एक रोबोट तैयार किया है जो शिक्षिका के तौर पर छात्रों के बीच होगी।एमएनएनआईटी से बीटेक कर चुके हिमांशु ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अनूठा रोबोट बनाया है। हिमांशु ने साल 2022 में एमएनएनआईटी के बायोटेक्नोलॉजी ब्रांच से बीटेक की डिग्री हासिल की।बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने 'को ग्रेड' नाम से स्टार्टअप शुरू किया। इस स्टार्टअप की मदद से हिमांशु ने रोबोट शिक्षिका की अपनी संकल्पना को मूर्त दिया है।
हिमांशु ने बताया कि इस रोबोट महिला शिक्षिका की ऊंचाई 5.8 फीट और चौड़ाई दो फीट है। यह बच्चों से हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में संवाद करने में सक्षम है। दिन-रात की कठिन मेहनत से तीन माह में इस महिला शिक्षिका रोबोट को तैयार किया है। इस रोबोट का नाम 'प्रांजलि' रखा है। इसके लिए तकरीबन 70 हजार रुपये का हार्डवेयर खरीदा और साफ्टवेयर स्वयं तैयार किया है। हिमांशु ने बताया कि लांच होने पर मार्केट में तकरीबन एक लाख रूपये में उपलब्ध होगा। हिमांशु के साथ ही आईआईटी मद्रास से बीटेक कर चुके सौरभ यादव और प्रशांत चौधरी ने मिलकर इस रोबोट को तैयार किया है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर इटावा जनपद के रंजीत सिंह पब्लिक स्कूल में सफल परीक्षण के बाद से इस महिला रोबोट शिक्षिका ने पढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी प्रदान की जा सकेगी। ग्रामीण छात्रों को पारंपरिक संग रोजगारपरक शिक्षा प्रदान की जा रही है।
इमेज प्रोसेसिंग से व्यक्तियों की करता है पहचान
हिमांशु ने बताया कि यह रोबोट इंटरनेट की मदद से सारी जानकारी को एकत्रित करके उसे बच्चों को प्रदान करता है।इमेज प्रोसेसिंग के जरिए यह रोबोट व्यक्तियों एवं वस्तुओं को पहचान भी कर रहा है। इसका सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेट होता रहता है। जिससे यह रोबोट हमेशा सीखता रहता है। बच्चे इस रोबोट से मौखिक रूप से बात कर सकते हैं एवं अपने प्रश्न पूछ सकते हैं।