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देश में ड्रग्स जब्ती में बेतहाशा वृद्धि, तस्करी के सबसे पसंदीदा जरिया बने डार्कनेट और समुद्री रास्ते


देश में ड्रग्स जब्ती में बेतहाशा वृद्धि, तस्करी के सबसे पसंदीदा जरिया बने डार्कनेट और समुद्री रास्ते
नई दिल्ली, प्रेट्र।  देश में पिछले पांच वर्ष के दौरान ड्रग्स की जब्ती में बेतहाशा वृद्धि हुई है। साथ ही देश में ड्रग्स तस्करी के लिए डार्कनेट  और समुद्री रास्ते सबसे ज्यादा पसंदीदा जरिया बनकर उभरे हैं। इस बारे में एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) एसएन प्रधान ने मंगलवार को बताया  कि प्रभावी प्रवर्तन गतिविधि से हाल के वर्षो में ड्रग्स की जब्ती में वृद्धि हुई है। उन्होंने एएनआइ से बातचीत में कहा, 'भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होने लगी है। ड्रग्स समुद्र, लैंड और बॉर्डर के रास्ते आ रहा है, डार्कनेट, पार्सल कूरियर और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भी तस्करी हो रही है इसलिए इसके तह तक जाने के लिए डार्कथान और हैकथान का इंतजाम किया गया है।'

नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के डीजी ने कहा, 'पिछले पांच साल में देश हेरोइन जब्ती में अप्रत्याशित वृद्धि का गवाह बना। 2017 में 2,146 किलो से शुरू हुई हेरोइन की जब्ती 2021 में 7,282 किलो पर पहुंच गई। यह लगभग 300 प्रतिशत वृद्धि दर्शाती है। इसी तरह अफीम की जब्ती में 172 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2017 में 2,551 किलोग्राम अफीम जब्त की गई थी जो 2021 तक 4,386 किलोग्राम तक पहुंच गई। इस अवधि में गांजा जब्ती में भी 191 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2017 में 3,52,539 किलो गांजा जब्त किया गया था जो 2021 में बढ़कर 6,75,631 किलोग्राम हो गया।'

प्रधान ने 'डार्कथान 2022' नामक हैकथान का उद्घाटन करते हुए जब्ती के ये आंकड़े बताए। हैकथान का उद्देश्य डार्कनेट के माध्यम से मादक पदार्थों  की होने वाली तस्करी का समाधान तलाशना है।

डार्कनेट गुप्त इंटरनेट प्लेटफार्म को कहा जाता है। अज्ञात संपर्क के लिए केवल विशेष साफ्टवेयर और प्री-कान्फिगर कम्युनिकेशन प्रोटोकाल से ही इसे एक्सेस किया जा सकता है। ड्रग्स कर्टेल और सिंडिकेट इसका इस्तेमाल करने के लिए जाने जाते हैं।