गौतम बुद्ध नगर विकास समिति के सदस्यों ने आज नोएडा के विधायक पंकज सिंह से मिलकर उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट को लागू करने की माँग की
देव मणि शुक्ल
नोएडा गौतमबुद्ध नगर समिति की अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय ने बताया की नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद समेत राज्य के तमाम जिलों में हाउसिंग सोसाइटीज हैं। जिनमें करोड़ों लोग निवास कर रहे हैं। इन लोगों को हाईराइज इमारतों में आवागमन करने के लिए लिफ्ट और एलिवेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। उत्तर प्रदेश में अभी तक इन लिफ्ट और एलीवेटर से जुड़ी व्यवस्थाओं व संचालन को नियमित करने के लिए कोई कानून उपलब्ध नहीं है। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट पिछले कई सालों से लंबित है। राज्य के लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2018 में 'लिफ्ट एंड एलीवेटर बिल' का ड्राफ्ट तैयार किया था। जिसे पारित करने के लिए अभी तक विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। हम गौतमबुद्ध नगर के सभी विधायकों और सांसद से मिलकर लिफ्ट एक्ट लागू करने की माँग करेंगे।
दूसरी ओर बिल्डर हाईराइज इमारतों का निर्माण करने के दौरान लिफ्ट लगाता है और दशकों के बाद कब्जा देता है। इसलिए ज्यादातर लिफ्ट पुरानी हो जाती हैं और नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है। दूसरी बड़ी समस्या यह है कि इन लिफ्ट की वारंटी और गारंटी समाप्त हो चुकी होती है। हमारे शहरों में हर दूसरे दिन लिफ्ट से जुड़ा कोई ना कोई हादसा हो रहा है। इन हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग विकलांग हुए हैं। छोटे बच्चे और बुजुर्ग तो लिफ्ट में सवार होने से डरते हैं। आम आदमी में लिफ्ट्स को लेकर मेंटल ट्रॉमा बढ़ रहा है।
गौतम बुद्ध नगर विकास समिति के महासचिव आदित्य अवस्थी ने कहा की हम उत्तर प्रदेश में नोएडा जैसे महत्वपूर्ण शहर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राज्य में सबसे ज्यादा लिफ्ट, एलीवेटर और एस्केलेटर्स नोएडा में ही इस्तेमाल हो रहे हैं। अब राज्य के मेरठ, इलाहाबाद, बनारस, झांसी, प्रयागराज, बरेली, मुरादाबाद, आगरा और राज्य की राजधानी लखनऊ में भी बड़े पैमाने पर लिफ्ट, एलिवेटर और एस्केलेटर का इस्तेमाल हो रहा है। लिहाजा, यह एक राज्यव्यापी समस्या बन चुकी है।