निषादराज सेवा समिति ने अवैध खनन एवं परिवहन के खिलाफ दिया धरना एवं विरोध प्रदर्शन
मौके पर तहसीलदार ने पहुंचकर दिया आश्वासन
एक सप्ताह के भीतर मांगों को पूरा किया जाएगा
आधुनिक समाचार
अनिल कुमार अग्रहरि
सोनभद्र। सुबे में चोपन सोन नदी में अवैध खनन एवं परिवहन को लेकर निषाद राज सेवा समिति के बैनर तले जितेंद्र निषाद के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय रह वासियों द्वारा धरना एवं प्रदर्शन किया गया। जितेन्द्र निषाद ने कहा कि सोनभद्र के सोन नदी से सटे इलाको में अघोरी खास, मितापुर,महालपुर,बिजौरा, इत्यादि क्षेत्रों में न्यू इंडिया मिनिरल्स द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन जोरों पर है। सोन नदी की अविरल धारा को बांधकर लिफ्टिंग मशीन एवं बड़ी बड़ी नाव द्वारा बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। जिसके कारण यहां के गांव के लोगों का पूर्ण रूप से आना जाना बंद हो चुका है। आए दिन गांव के गाय भैंस नदी में पानी पीने के चक्कर में लिफ्टिंग मशीन द्वारा कराए जा रहे कार्य की वजह से दलदल में फंस कर दम तोड़ दे रहे हैं। न्यू इंडिया मिनरल्स द्वारा आवंटित क्षेत्र को छोड़कर सेंचुरी एरिया में रात दिन बालू खनन कराया जा रहा है नदी में बांध एवं लिफ्टिंग होने के कारण मछुआरा समाज भुखमरी के कगार पर है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे मत्स्य संपदा एवं रिवर रैचिंग के तहत लाखों रुपए की मछलियां नदी में डाली जा रही हैं। बावजूद इसके अवैध खनन की वजह से यहां पर जलीय जंतुओं एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का बालू माफिया बंटाधार करने पर लगे हैं। धरना स्थल पर भारी विरोध प्रदर्शन देखते हुए मौके पर तहसीलदार ने पहुंचकर एवम जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता के पश्चात इनकी लिखित मांगों को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया की आने वाले एक सप्ताह के भीतर सारी मांगे पूरी की जाएगी। मांगो में प्रमुख रूप से महलपुर से बिजोरा तक नियमित रूप से पानी का छिड़काव हो एवं बच्चों के स्कूल जाने के समय ट्रकों का परिचालन बंद हो, नदी से लिफ्टिंग मशीन हटाई जाए, नदी से बांध रपटा एवं बोल्डर हटवाया जाए, ट्रकों को रोड से हटवाया जाए एवं समुचित पार्किंग की व्यवस्था की जाए, अनुबंध अनुबंध के अनुसार 80 प्रतिशत स्थानीय रहवासियों को रोजगार दिया जाए। मौके पर निषाद पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रोहित बिंद, दयाशंकर साहनी,विजय साहनी, सदाफल निषाद, नागेंद्र साहनी, छोटू साहनी, अशोक साहनी, प्रदीप निषाद, बजरंगी इत्यादि सैकड़ों को संख्या में निषाद समाज के लोग एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।