Right Banner

ब्लाकचेन तकनीक से उद्यमिता में ला रहे बदलाव


ब्लाकचेन टेक्नोलाजी ने तकनीकी दुनिया में क्रांति सी ला दी है। इसकी मदद से डाटा स्टोर करना बेहद सुरक्षित हो गया है। लेकिन देश में इसका इस्तेमाल सीमित रूप से ही हो पा रहा है। इसे देखते हुए निखिल गोयल ने ‘बियांड द इमेजिनेशन’ नाम से स्टार्टअप वेंचर शुरू किया, जो कंपनियों के साथ-साथ सरकारी एजेंसियों एवं संस्थाओं को ब्लाकचेन तकनीक के उपयोग में सहयोग कर रहा है।
दार्जिलिंग के सेंट पाल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद निखिल ने मुंबई के सेंट जेवियर कालेज से कारपोरेट कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। इसके बाद इन्होंने कारपोरेट सेक्टर में विभिन्न पदों पर काम किया। साथ ही स्वतंत्र बिजनेस भी संभाला, जिसमें वाटर कंजर्वेशन से जुड़ा प्रोजेक्ट शामिल है। ‘ई-जल’ नामक यह प्रोजेक्ट काफी सफल रहा। इन्होंने भूटान में भी मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट्स संभाले। लेकिन नई टेक्नोलाजी के अपने पैशन को पूरा करने के लिए निखिल ने ‘बियांड द इमेजिनेशन’ नाम से कंपनी शुरू की। यह एक ब्लाकचेन वेंचर है। कंपनी के सह-संस्थापक निखिल कहते हैं, ‘उद्यमिता में आने का मेरा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है। मैं अपने ग्राहकों, सहकर्मियों, भागीदारों, सरकारी संस्थानों एवं समुदायों में एक प्रभावशाली एवं अर्थपूर्ण बदलाव लाना चाहता हूं। वेंचर के जरिये रीयल वर्ल्ड की समस्याओं का क्रिएटिव समाधान निकालने की कोशिश है।
हर समस्या में छिपी है बिजनेस की संभावना: कहते हैं कि किसी भी बड़े बिजनेस की शुरुआत यूनीक आइडिया से होती है यानी एक आइडिया जो बदल दे दुनिया। यह आइडिया गंभीर विचार-विमर्श के बाद आ सकता है, लेकिन उससे किसी समस्या का समाधान होना आवश्यक है। निखिल की मानें, तो देश या दुनिया में कोई भी आवश्यकता उत्पन्न होती है या कोई समस्या आती है, तो उसमें बिजनेस की संभावनाएं छिपी होती हैं। हम भी पहले अपने क्लाइंट के बिजनेस का अध्ययन करते हैं, उनकी मुश्किलों को जानने की कोशिश करते हैं। कंपनी के सिस्टम एवं प्रासेस को समझते हैं। फिर पूर्ण समीक्षा करने के बाद ब्लाकचेन पर आधारित समाधान से क्लाइंट को अवगत कराते हैं। संक्षेप में कहूं, तो हम अपने बिजनेस पार्टनर्स के कारोबार के डिजिटल ट्रांसफार्मेशन में मदद करते हैं, जिससे वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें। एक उदाहरण से समझें, कभी-कभी किसी कार्य में बहुत से पेपर वर्क की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हम स्मार्ट कांट्रैक्ट से काम को आसान बनाते हैं। ‘कैफे काफी डे’ ने हमारे लायल्टी प्रोग्राम साल्यूशन का बखूबी फायदा उठाया है। इससे वे कम्युनिटी डेवलपमेंट एक्टिविटीज को सफलतापूर्वक पूरा कर रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर विस्तार की योजना: आज जिस तरह से डाटा का जेनरेशन हो रहा है और जीवन के अमूमन हर क्षेत्र में उसकी खपत बढ़ गई है। फिर वह कम्युनिकेशन हो या वित्तीय लेन देन। आनलाइन डाटा की सिक्योरिटी बहुत अहम हो गई है। ब्लाकचेन टेक्नोलाजी से ऐसा करना संभव है। निखिल कहते हैं, ‘डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर सिस्टम पर आधारित ब्लाकचेन नेटवर्क से सिर्फ अधिकृत यूजर्स ही डाटा एक्सेस कर पाते हैं। इसलिए आज हम कई बड़े संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। हमारा मकसद इंसानों के काम के घंटों एवं खर्चों को कम करना है। आने वाले समय में हम देश के अलावा वैश्विक स्तर पर भी कंपनियों को कम खर्च पर बिजनेस साल्यूशन देने पर विचार कर रहे हैं।’
टीम है जिनकी ताकत : एक कंपनी की सफलता में उसकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। निखिल कहते हैं, ‘बियांड द इमेजिनेशन की भी सबसे बड़ी पूंजी है उसकी टीम। हमारी ताकत हमारे कर्मचारी, टीम के सदस्य हैं। मेरा मानना है कि सही टैलेंट के मिश्रण से कंपनी अपने हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है। हमारी टीम काफी सहयोगी है। इसमें देश के शीर्ष संस्थानों से आने वाले पेशेवर एक्सपर्ट्स हैं जिन्हें वेब 1 एवं वेब 2 आधारित समाधान देने का दशकों का अनुभव है।’ यह भी सर्वविदित है कि हर किसी की अपनी चुनौतियां, सीमाएं, ताकत एवं कमजोरियां होती हैं। लेकिन जो उनके पार जाता है, वही आगे बढ़ता है और सफल होता है। निखिल के अनुसार, जो स्टार्टअप यथाशीघ्र सफलता पाना चाहते हैं, वे लंबी रेस का घोड़ा नहीं बन पाते हैं। इसलिए कंपनियों को डिसरप्टिव टेक्नोलाजी, इनोवेशन के ऊपर ध्यान देना होगा। जो ब्रांड संपूर्ण रूप से इंक्लूसिव साल्यूशन प्रदान करते हैं, संपूर्ण विकास पर जोर देते हैं और जिनके पास एक सस्टेनेबल डेवलपमेंट स्ट्रेटेजी होती है, वे सफलता हासिल करते हैं।