सेमिनार मे ऊर्जा संरक्षण प्रमाण-पत्र के साथ मेडल से नवाजे गए रेल विभाग के अधिकारी
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के आर्य भट्ट हॉल में बुधवार को ऊर्जा संरक्षण पर आयोजित सेमिनार में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने रेलवे पर चलाये जा रहे ऊर्जा संरक्षण के साथ ही भारतीय रेल द्वारा प्रमुख स्टेशनों के पुनर्विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सेमिनार को सम्बोधित करते हुये पंकज कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय रेल पर कुल रेल नेटवर्क का 80 प्रतिशत से ज्यादा तथा पूर्वोत्तर रेलवे पर लगभग 90 प्रतिशत रेल मार्गो का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। और अगले वर्ष के अन्त तक बड़ी लाइन के शत- प्रतिशत रेल मार्गो का विद्युती करण पूरा कर लिया जायेगा। विद्युतीकरण के फलस्वरूप आयातित डीजल खपत एवं कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आयी है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे पर सभी एल.एच.बी. रेकों को हेड ऑन जेनरेशन प्रणाली से युक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त आई.सी.एफ.कोचों से चलाई जा रही दो जोड़ी एक्सप्रेस गाड़ियों में भी इसका प्रावधान कर दिया गया है। थ्री फेज लोकोमोटिव में रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगाया जा रहा है, जिससे ऊर्जा बचत में काफी मदद मिल रही है।
भारतीय रेल के प्रमुख स्टेशनों के पुनर्विकास पर प्रकाश डालते हुये कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे के 06 स्टेशनों को विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने हेतु चिन्ह्ति किया गया है।जिसमें गोरखपुर गोण्डा,गोमतीनगर, लखनऊ जं0 छपरा एवं काठगोदाम सम्मिलित है।गोरखपुर, छपरा एवं गोण्डा स्टेशन के पुनर्विकास हेतु तकनीकी एवं वित्तीय उपयोगिता के अध्ययन हेतु कन्सलटेन्ट नियुक्त किया गया है, जो स्टेशन की मास्टर प्लानिंग,आर्किटेक्चरल डिजाइनिंग के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसके आधार पर आगे का कार्य किया जायेगा। गोमतीनगर एवं लखनऊ जं. एवं लखनऊ चारबाग तथा काठगोदाम स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य रेल लैण्ड डेवलपमेन्ट अथारिटी द्वारा किया जा रहा है।
स्टेशनों का पुनर्विकास भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य स्टेशन को सिटी सेन्टर के रूप में विकसित करना है जो कि नगर के दोनों हिस्सों को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा। इसके अन्तर्गत स्टेशन का फेस अपलिफ्ट करने के साथ ही इसमें स्थानीय सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के रूप की झलक भी होगी। इसमें स्टेशन के ऐतिहासिक भवन को भी संरक्षित रखा जायेगा। नगर के दोनों हिस्सों को जोड़ने के लिए आकर्षक द्वितीय द्वार का भी निर्माण किया जायेगा। स्टेशन पर रूफ प्लाजा एवं बेहतर एप्रोच कनेक्टिविटी का कार्य किया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्टेशन के पुनर्विकास के अन्तर्गत जनआकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए वाणिज्यिक गतिविविधयों को बढ़ावा देने के क्रम में शापिंग काम्प्लेक्स, होटल, पार्किग आदि जैसी उच्चस्तरीय एवं आधुनिक सुविधाओं का प्रावधान किया जायेगा।इस अवसर पर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,गोरखपुर के यांत्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष,छात्र-छात्रायें, शिक्षक,इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के गोरखपुर चैप्टर के चेयरमैन,सचिव,मालवीया एल्यूमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।