चालू पेराई सीजन के पहले दो महीने में 48 लाख टन चीनी का उत्पादन, निर्यात करने को उत्सुक हैं
चालू पेराई सीजन के पहले दो महीने में 48 लाख टन चीनी का उत्पादन, निर्यात करने को उत्सुक हैं
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन के पहले दो महीने में ही 48 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया गया है, जो पिछले साल के चीनी उत्पादन के मुकाबले अधिक है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक अब तक कुल 434 मिलों में पेराई शुरु हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र में कुल 173 मिलों में पेराई शुरु हो चुकी है तो उत्तर प्रदेश की 104 मिलों में चीनी बनने लगी है। इसी अनुपात में महाराष्ट्र में सीजन के पहले दो महीने (अक्टूबर-नवंबर) में कुल 20 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 11 लाख टन से अधिक चीनी का उत्पादन हो चुका है। निर्यात मांग के मद्देनजर चीनी मिलें निर्धारित चीनी का निर्यात करने को उत्सुक हैं। इस्मा के मुताबिक चीनी का यह उत्पादन निर्धारित एथनाल उत्पादन को छोड़कर किया गया है। चालू एथनाल वर्ष 2022-23 के लिए तेल कंपनियों ने 460 करोड़ लीटर एथनाल का आंवटन कर चुकी हैं। इसके लिए 30 नवंबर 2022 से पहले के जारी टेंडरों के अनुसार सप्लाई शुरु की जा सकेगी।
इससे पहले गन्ना किसानों के भुगतान को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए सरकार ने चीनी निर्यात पर लगे प्रतिबंध पर पुनर्विचार करते हुए 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे दी थी। सरकार ने कहा था कि चालू पेराई सीजन में घरेलू चीनी के उत्पादन का आकलन करने के बाद और चीनी निर्यात की मंजूरी दी जा सकती थी। खाद्य मंत्रालय की जारी अधिसूचना के मुताबिक एक नवंबर से 31 मई 2023 तक कुल 60 लाख टन निर्यात की छूट दी गई। चीनी निर्यात से किसानों के गन्ना भुगतान में सहूलियत होगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि निर्यात का यह कोटा देश में गन्ना उत्पादन के मौजूदा आकलन के आधार पर जारी किया गया है। गन्ना व चीनी उत्पादन पर सरकार लगातार नजर रखेगी, जिसके आधार पर अतिरिक्त चीनी निर्यात की छूट दी जा सकती है। मंत्रालय के बयान में स्पष्ट कहा गया है कि चीनी मिलें तत्काल प्रभाव से ज्यादा से ज्यादा चीनी का निर्यात सुनिश्चित करें और उससे प्राप्त होने वाली धनराशि से किसानों को बकाया भुगतान करें। निर्यात का कोटा मिलों के तीन वर्षों के औसत चीनी उत्पादन के 18.23 फीसद आवंटित की गई है। मिलों को यह कोटा अगले दिनों के लिए दिया गया है।