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अतिथि देवो भव। जब भी मैं भारत के समृद्धशाली इतिहास की गहराई में उतरा, इसके हर कोने में इस भाव को गहनता से महसूस किया। आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेन्नी वोंग को हाल ही में अपने देश में भारत के विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर के आतिथ्य सत्कार का अवसर प्राप्त हुआ, जो इस वर्ष उनके बीच सातवीं मुलाकात थी। इस दौरान एस. जयशंकर ने हेलीकाप्टर से उड़ान भरकर सिडनी बंदरगाह का अवलोकन किया। इस दौरान जयशंकर ने वहां के दो प्रसिद्ध आइकन सिडनी ओपेरा हाउस और हार्बर ब्रिज को देखा जो अगस्त में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में तिरंगे की रोशनी से जगमगा उठे थे।

इस मुलाकात के दौरान पेन्नी वोंग ने अपने भारतीय समकक्ष के समक्ष इस बात पर बल दिया कि भारत आस्ट्रेलिया के लिए एक शीर्ष स्तरीय भागीदार है और हम अपनी साझेदारी को और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इतना गहरा सहयोग कुछ वर्षों पहले तक कल्पना से परे था। जिस तरह जयशंकर ने सिडनी से प्रशांत महासागर का अवलोकन किया, कुछ वैसे ही आस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री मार्लेस ने जून में गोवा से हिंद महासागर को देखा, निस्संदेह दोनों ने इंडो-पैसिफिक में आपसी साझेदारी की अपार क्षमता को पहचाना। दरअसल आस्ट्रेलिया और भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग महत्वपूर्ण रूप से एक स्वतंत्र व खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की परिकल्पना को बल देता है। जैसा कि पेन्नी वोंग ने कहा, ‘एक-दूसरे की समृद्धि में भी हमारा मजबूत हित है।'

चर्चा के दौरान जयशंकर और वोंग ने आस्ट्रेलिया भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) को लागू करने और हमारे व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को निश्चित करने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को दोहराया। जहां ईसीटीए प्रत्येक राष्ट्र के लिए उन्नत व्यापार का अवसर प्रदान करता है, वहीं एक महत्वाकांक्षी सीईसीए हमारी पारस्परिक समृद्धि के लिए आगे सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने का एक अवसर देता है।

हमारे आर्थिक भविष्य का केंद्र स्वच्छ और नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की हमारी क्षमता है। जलवायु परिवर्तन का समाधान करना और स्वच्छ ऊर्जा पर मिलकर काम करना जयशंकर और वोंग की प्राथमिकताएं थीं। हमारे महत्वपूर्ण खनिज सहयोग के माध्यम से एक स्वच्छ प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनने की दिशा में आस्ट्रेलिया, भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है। दोनों मंत्रियों ने सामुदायिक और शिक्षा संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा की। ऐसे संबंधों से दोनों देशों का हित जुड़ा है। हमारा प्रतिभाशाली लगभग 7.84 लाख मजबूत भारतीय-आस्ट्रेलियाई समुदाय हमारे संबंधों को मजबूत करता है और आस्ट्रेलिया के जीवंत लोकतंत्र में एक मूल्यवान योगदान देता है।

आस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर जब जयशंकर से मिले, तो उन्होंने भारतीय छात्रों को अपनाने की आस्ट्रेलिया की भावना को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया ‘अतिथि देवो भव’ की भावना से उनके यहां रहने वाले लगभग 60 हजार भारतीय छात्रों का स्वागत करता है। साथ ही पढ़ाई समाप्त होने के बाद एक योजना के तहत नौकरी करने का अधिकार प्रदान करता है, जो दोनों देशों के हित में है। जाब्स एंड स्किल्स समिट के हिस्से के रूप में, सरकार ने छात्रों के वीजा सहित तमाम वीजा प्रक्रियाओं के लिए छह करोड़ आस्ट्रेलियाई डालर (310 करोड़ रुपये) से अधिक के अतिरिक्त वित्त पोषण की घोषणा की है।

अगले साल आस्ट्रेलिया ‘क्वाड लीडर्स समिट’ में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है। हमारे प्रधानमंत्रियों के बीच पहली बातचीत मई में आस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज के पद की शपथ लेने के एक दिन बाद क्वाड लीडर्स समिट में हुई थी। क्वाड में हमारा सहयोग, हमारे मित्र देशों जापान और अमेरिका के साथ एक स्वतंत्र व समृद्ध इंडो-पैसिफिक का समर्थन करता है, जो संप्रभुता का सम्मान है। क्वाड उन कई चीजों में से एक है, जो हमें बांधती है।

लेकिन एक चीज ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, वह है क्रिकेट के प्रति हमारा साझा प्रेम। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जयशंकर ने पूर्व आस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान स्टीव वा से मुलाकात की। हमने क्रिकेट के मैदान में कई बार एक-दूसरे को यादगार टक्कर दी है। भले ही हम मैदान पर प्रतिस्पर्धी हों, लेकिन इन दिनों हमारे खिलाड़ी दुनिया की अग्रणी इंडियन प्रीमियर लीग में एक साथ खेलते नजर आते हैं। आस्ट्रेलिया में टी-20 टूर्नामेंट आरंभ हो चुका है। रक्षा और कूटनीति की तरह ही क्रिकेट के क्षेत्र में विश्वास और सम्मान हमें साथ लाते हैं। जयशंकर जैसे ही कैनबरा पहुंचे, आस्ट्रेलिया ने अपने ऐतिहासिक पुराने संसद भवन को तिरंगे की रोशनी से जगमगा दिया। हम कामना करते हैं कि हमारे संबंधों में और प्रगाढ़ता बढ़े।