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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपावली व छठ समेत आने वाले सभी पर्वों पर स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं। उन्होंने शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आने और माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
 
वह रविवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत प्रदेश स्तरीय बैठक में आगामी पर्वों पर होने वाली तैयारियों व बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अतिवृष्टि के बीच राहत कार्यों को तेज करने तथा आम न को स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभ उपलब्धता जैसे विषयों के संबंध में शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी कमिश्नर, डीएम, एडीजी जोन, पुलिस कमिश्नर, आईजी-डीआईजी रेंज, सीएमओ, नगर आयुक्त, डीपीआरओ, नगर पालिकाओं के ईओ, जिला स्तर पर तैनात अधीक्षण अभियंता व  अधिशासी अभियंता (विद्युत) आदि अधिकारियों की सहभागिता रही।

त्योहारों पर रखें पूरी सावधानी 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, अयोध्या दीपोत्सव, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे विशेष त्योहार हैं। इसके अलावा बलिया का ददरी मेला, अयोध्या में पंचकोसी, 84 कोसी परिक्रमा, प्रयागराज में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और हापुड़ का गढ़मुक्तेश्वर मेला भी होना है। लगभग ढाई साल के बाद सामान्य हुई स्थितियों के बाद इस बार त्योहारों में लोगों में अधिक उल्लास होना स्वाभाविक है। कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। इस कारण लगातर सतर्क व सावधान रहना होगा। दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापना की भी परंपरा है। धार्मिक परंपरा व आस्था को सम्मान दें। प्रतिमा विसर्जन के लिए नदियों के स्थान पर तालाबों के प्रयोग के लिए लोगों को जागरूक करें। 

आबादी से दूर हों पटाखे की दुकानें
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों व गोदामों का आबादी से दूर रखा जाए। जहां पटाखों का क्रय-विक्रय हो, वहां फायर टेंडर के पर्याप्त इंतज़ाम किए जाएं। पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे। पटाखों की दुकान खुले स्थान पर हो। इन्हें लाइसेंस समय से जारी कर दिया जाए। पर्यावरण और हम सभी के स्वास्थ्य की दृष्टि से अति संवेदनशील पटाखों के क्रय-विक्रय को हतोत्साहित किया जाए। थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं। छोटी सी घटना लपरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना देरी किए डीएम व एसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें। हर नगर की जरूरत के अनुसार ट्रैफिक प्लान तैयार करें, ताकि बाजार आने वाले लोग ट्रैफिक जाम में न फंसें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे और पीआरवी 112 एक्टिव रहे। 

बलिया में पशु मेला स्थगित रहेगा 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिया में ददरी मेले के दौरान पारंपरिक पशु मेले का भी आयोजन होता रहा है। इस वर्ष दुधारु पशुओं में लंपी वायरस के संक्रमण की स्थिति है। ऐसे में इस समय पशु मेले को स्थगित रखा जाए। इस संबंध में पशुपालकों को समय से जानकारी दे दी जाए। पशु मेला स्थगन के साथ-साथ उन्हें लंपी वायरस से बचाव के संबंध में भी जागरूक किया जाना चाहिए। पर्व-त्योहारों के बीच बिजली अपूर्ति सुचारु रखी जाए। कहीं से भी अनावश्यक कटौती की शिकायत न आए। इसकी नियमित समीक्षा की जाए।

मिलावटखोरी रोकने के निर्देश 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलावटखोरी आमजन के जीवन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए। मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण किया जाना चाहिए। मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।

बाढ़ राहत कार्य तेज करें 
मुख्यमंत्री ने कहा कि असमय हुई तेज बरसात से 15 जिलों में लगभग 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में कतई देर न हो। हर गांव के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर राहत कार्यों को तेज किया जाए। तैयार भोजन और सूखा राशन वितरण कराएं। जहां जलभराव की स्थिति हो, वहां पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। एंटी स्नेक वेनम की कमी न हो। मंडलीय भ्रमण के लिए जा रहे मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं। सर्विलांस को बेहतर करते हुए हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों से इमरजेंसी केस को लखनऊ रेफर करने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। यह उचित नहीं है। अपरिहार्य स्थिति को छोड़ कोई भी मेडिकल इमरजेंसी केस रेफर न किया जाए। हर मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का विवरण भी तैयार कराएं। उन्होंने फसल सर्वेक्षण के कार्य यथाशीघ्र पूरा कर रिपोर्ट तैयार करने का भी निर्देश दिया।