दो माह और आठ दिनो 68 दिवसीय अज़ादारी का आज अन्तिम दिन है।दिनांक 5 अक्टूबर बुधवार को अय्यामे अज़ा का आखिरी जुलूस चुप ताज़िया रानीमण्डी चकय्या नीम स्थित इमामबाड़़ा मिर्ज़ा नक़ी बेग से प्राताः9 बजे निकाला जायगा।बशीर हुसैन की सरपरस्ती मे सबसे पहले ज़ैग़म अब्बास की मर्सियाख्वानी से मजलिस का आग़ाज़ होगा तत्पश्चात ज़ाकिरे अहलेबैत आली जनाब रज़ा अब्बास ज़ैदी शहादत इमाम हसन अस्करी व अय्यामे अज़ा के अन्तिम दिन पर सोगवारों की जानिब से रसूले खुदा व फात्मा ज़हरा व वक़्त के इमाम को शहीदाने करबला का पुरसा पेश करेंगे।नौहाख्वान हसन रिज़वी की क़यादत मे अन्जुमन हैदरिया रानीमण्डी नौहों और मातम की सदाएँ बुलन्द करते हुए जुलूस चुप ताज़िया को रानीमण्डी ,बच्चा जी धरमशाला ,चड्ढा रोड ,कोतवाली ,नखास कोहना ,खुलदाबाद ,हिम्मतगंज होते हुए चकिया करबला पहचँ कर अलम ताबूत चुप ताज़िया व ज़ुलजनाह पर चढ़ा गए फूलों को सुपुर्देखाक करेगी।वहीं दरियाबाद के ऐतिहासिक बंगले से अय्यामे अज़ा के आखिरी दिन बुधवार को दिन मे 11 बजे अख्तर रज़ा खाँ की ओर से अमारी जुलूस की मजलिस होगी।आयोजक तुराब हैदर बाबू भाई के अनुसार अमारी मातमी जुलूस मे नौहों और मातम का आग़ाज़ बाद नमाज़ ज़ोहर लगभग दिन मे 1 बजे से मातमी दस्ते के द्वारा इमामबाड़़े मे नौहों की चार पंक्तियों के पढ़ने के उपरांत एक एक अन्जुमन का सिलसिलेवार निकलना शुरु हो जाएगा।अन्जुमन शब्बीरिया ,अन्जुमन मज़लूमिया ,अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया ,अन्जुमन अब्बासिया ,अन्जुमन हुसैनियाँ क़दीम व अन्जुमन हाशिमया नौहों और मातम की सदा बुलन्द करते हुए अपने क़दीमी रास्तों को तय करते हुए प्रशासन द्वारा निर्धारित समय रात्रि के दस बजे तक इमामबाड़ा अरब अली खाँ मे दाखिल हो जायगी।