वाराणसी।देश मे प्रशासनिक पद पर IAS-IPS अधिकारी तो बहुत है और अपनी कर्तव्यनिष्ठा के लिए शासन-प्रशासन मे उनकी ख्याति भी बनी हुई है।किन्तु ऐसे ही पुलिस महकमे की बात की जाए तो उत्तर-प्रदेश ही नही बल्कि देश मे नेक पहल के लिए नजीर है,वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश जिनकी गरीब,असहाय,बेसहारा लोगो के लिए तो वह देवदूत के रूप मे मदद करने हेतु उनकी पहचान भोले शंकर की नगरी मे बनी हुई है। वह आमजनो मे काफी लोकप्रिय बने पुलिस कमिश्नर समय-समय पर अपने सादे वेषभूषा और सरल स्वभाव मे अति गरीबो का मदद के लिए उनके बीच जाकर हर सम्भव उनका मदद कर नेक पहल की कसौटी बने रहना उनकी पहचान है।इस विश्व विख्यात इस धार्मिक नगरी के आमजन उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते रहते है।
कहते हैं विभिन्न भाषाओं का ज्ञान सम्मान का विषय होता है। ऐसी ही भाषा की जानकारी अक्सर दूसरों के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसका जीता-जागता उदाहरण उस समय लोगो को देखने-सुनने को मिला जब भोले शंकर की नगरी मे घूमने-फिरने आऐ एक आंध्र प्रदेश परिवार से विछड़ी व राह भटकी अधेड़ माँ को उसके बेटे से वाराणसी पुलिस कमिश्नर के सूझबूझ,अन्य भाषाई ज्ञान,अथक प्रयास ने मिला दिया।पुलिस कमिश्नर की इस नेक पहल की चर्चा इस धार्मिक नगरी मे खूब हो रही है और पुलिस महकमे के लिए एक नजीर भी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के तेलगु भाषा के ज्ञान से आंध्र प्रदेश की एक महिला जो अपने बेटे से बिछड़ गयी थी उससे मिल सकी। महिला दर्शनार्थी सिर्फ तेलगु जानती थी।महिला के परिजनों को ढूंढने के लिए पुलिस कमिश्नर ने गोदौलिया के पब्लिक एड्रेस सिस्टम से स्वयं तेलगु त्योहारों पर आकर्षक योजनाओं के साथ आप सभी का स्वागत है,भाषा में अनाउसमेंट किया जिसके बाद महिला के लड़के ने अपनी मां को पुलिस बूथ पर पहुंचकर गले लगा लिया और वाराणसी पुलिस कमिश्नर और यूपी पुलिस का धन्यवाद दिया।
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने मीडिया को बताया कि आंध्रा प्रदेश के राजलक्ष्मी अपनेपरिजनों के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन के लिए आयी थीं। गुरुवार की रात गोदौलिया चौराहे पर वह परिजनों से बिछड़ गयीं।यहां उन्होंने पुलिस बूथ देखा तो पुलिस के पास मदद को पहुंची पर समस्या यह कि वह न अंग्रेजी जानती थी और न हिंदी। महिला रोने लगी तो पुलिस ने उसे बूथ में बैठाकर हिंदी और अंग्रेजी में एलान किया पर की एक महिला यहां मिली हैं। जो रो रहीं परन्तु उसपर भी कामयाबी नहीं मिली।
इस बात की जानकारी जब पुलिस कमिश्नर को हुई तो वह स्वयं अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह के साथ गोदौलिया पुलिस बूथ पहुंचे और महिला से तेलगु में संवाद किया और स्थित से अवगत हुए उसके बाद स्वयं ही तेलगु में पब्लिक एड्रेस सिस्टम से सूचना प्रसारित किये। उनके द्वारा सूचना प्रसारण के कुछ ही देर बाद राजलक्ष्मी के पुत्र सतीश कुमार पुलिस बूथ पहुंचे जहां मां को देखते ही वो रोने लगे और उसे गले लगा लिया।राजलक्ष्मी और उसके पुत्र सतीश ने पुलिस कमिश्नर को इस नेक पहल के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए धन्यवाद दिया और उत्तर-प्रदेश पुलिस आभार जताया और कहा कि पराए शहर में वह बहुत परेशान हो गए थे। लेकिन हमारे और हमारी वृद्धा माँ के लिए देवदूत के रूप नजर आऐ वाराणसी के पुलिस कमिश्नर साहब