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सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आशुतोष सिंह की अदालत ने 13 वर्ष पूर्व कालेज गई छात्रा का अपहरण कर उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए सोमवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार नाई को 15 वर्ष की कैद एवं 80 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि 40 हजार रुपये मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव के व्यक्ति ने राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि  12 अक्तूबर 2009 को सुबह उसकी बेटी जो बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है कालेज पढ़ने गई थी। राबर्ट्सगंज रेलवे फाटक के पास से पन्नूगंज थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव निवासी संतोष कुमार नाई पुत्र रामेश्वर नाई ने अपहरण कर  बेटी को वाराणसी ले जाकर बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा और शादी का दबाव बना रहा था। शादी न करने पर जान से मारने की धमकी देता था। इसकी जानकारी 21 नवंबर 2009 को शाम 7 बजे बेटी ने फोन करके दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार नाई को 15 वर्ष की कैद एवं 80 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। जबकि पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि 40 हजार रुपये मिलेगी।अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक एडवोकेट ने बहस की।