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झाँसी। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने जिला महिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया एवं मरीजों से वार्ता कर इलाज/जांच होने सम्बन्धी जानकारी ली एवं उनकी समस्यायें सुनी गई। जिला महिला अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रबल इच्छा है कि स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल जमीनी स्तर तक पहुंचे, समाज के सबसे गरीब व्यक्ति का बेहतर से बेहतर इलाज हो, उसे इलाज के दौरान किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि आज औचक निरीक्षण का उद्देश्य यही है कि हर व्यक्ति को बेहतर सेवाएं मिलें। जिलाधिकारी द्वारा अपने औचक निरीक्षण में जिला चिकित्सालय के दवा वितरण केन्द्र का निरीक्षण करने पर पाया कि कुछ डॉक्टर द्वारा सादा पर्चे पर दवायें लिखी जा रही है, उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि दवायें हेतु निर्धारित पर्चे का ही प्रयोग किया जाए। भविष्य में यदि जांचोपरांत यही पुनरावृत्ति पाई जाती है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तीमारदारों से बात की तो पाया गया कि चिकित्सालय में बहुत अधिक संख्या में मरीज अल्ट्रासाउण्ड कराने आ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका ने अवगत कराया गया कि वर्तमान में चिकित्सालय में कोई स्थाई रेडियालोजिस्ट की तैनाती नहीं है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा को पत्र प्रेषित करना सुनिश्चित करें ताकि पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा सके। अपने औचक निरीक्षण में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने प्रसव केन्द्र का निरीक्षण किया गया। प्रसव केंद्र से संबंधित पूर्व में अनेकों शिकायतों को संज्ञान में लिया। निरीक्षण में सीएमएस महिला ने अवगत कराया कि प्रसव केन्द्र में 12 नर्से एवं 2 ईएमओ तैनात हैं। डीएम ने निर्देश दिए कि प्रसव केन्द्र में प्रतिदिन कम से कम 10 डिलेवरी अवश्य की जायें तथा डिलेवरी कराने आई महिलाओं को विशेष इमरजेन्सी की स्थिति को छोड़कर अन्य किसी भी दशा में वापस नहीं लौटाया जाये। यदि बहाना बनाते हुए मरीज को लौटाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला महिला अस्पताल के निरीक्षण में जिलाधिकारी ने जे.जे.एस.के. के अन्तर्गत प्रसूता महिलाओं को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता असंतोषजनक पाए जाने, आलू की सब्जी बनाए जाने एवं जे.जे.एस.के. रसोईघर के बाहर मेन्यू चस्पा न होने पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि सम्बन्धित फर्म का नोटिस जारी किया जाए एवं आज के भुगतान में कटौती की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मेन्यू निर्धारित करके उसे अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरान्त जे.जे.एस.के रसोईघर के बाहर अवश्य चस्पा किया जाए। जिलाधिकारी ने जिला महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण के दौरान मरीजों से प्रसव केन्द्र में तैनात एक चिकित्साधिकारी द्वारा अच्छा व्यवहार न करने, पैसा लेने एवं समय से कार्यालय न आने तथा अन्य स्रोत से एक नर्स द्वारा डिलेवरी के लिए पैसे लेने की शिकायत प्राप्त हुई। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए गए कि रजिस्टर की जांच कर प्रियंका चौधरी की उपस्थिति की जांच करते हुए विगत एक सप्ताह डिलेवरी कराने आई महिलाओं एवं उनके तीमारदारों से पूंछतांछ/संम्पर्क कर पैसे लिए जाने से सम्बन्धित प्रकरण की जांच करने और गड़बड़ी पाए जाने पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुधाकर पांडेय, नगर मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर एन के जैन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ सुमन एवं अन्य चिकित्सकगण उपस्थित रहे।