प्रतापगढ़।जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों एवं 50 लाख रूपये से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों उपस्थित रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया ठेकेदार से खनन रायल्टी जमा कराने के पश्चात् उसकी सूचना खनन विभाग को भी अनिवार्य रूप से प्रेषित की जाये। उन्होने खनन निरीक्षक को निर्देश दिया कि जिन विभागों द्वारा रायल्टी कटौती कर सूचना नही दी जा रही है उनकी सूची अगली बैठक में प्रस्तुत करें। जीएसटी की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया कि जीएसटी के अन्तर्गत आहरण वितरण अधिकारी अपने विभाग का पंजीकरण प्राप्त करें तथा ढाई लाख के ऊपर किसी भी अनुबन्ध का भुगतान करते समय 2 प्रतिशत जीएसटी काटकर अपने टैन नम्बर पर जमा करायें। कटौती की गयी धनराशि को जमा कराया जाना आहरण वितरण अधिकारी का व्यक्तिगत दायित्व है इसलिये इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।
वृक्षारोपण की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा,सी०एम०ओ०मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जिन स्थलों पर वृक्षारोपण कराया गया है तत्काल उसकी जियो टैगिंग करा लें। बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि 63 विद्यालयों के ऊपर विद्युत तार अभी लगे हुये जिन्हें हटाया नही गया है जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से सूची प्राप्त कर अविलम्ब विद्युत तारों को हटाना सुनिश्चित करें। सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने एआर को-आपरेटिव को निर्देशित किया कि कायाकल्प योजना के अन्तर्गत जिन समितियों पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है ब्लाकवार उसकी सूची उपलब्ध करायें तथा निर्माण कार्यो में किसी भी तरह की अनियमितता या गुणवत्ता में कमी किये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करें। स्वास्थ्य विभाग में सीएचसी/पीएचसी, ड्रग वेयर हाउस के प्रगति की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जिस प्रभारी अधिकारी सीएचसी के क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहा है उनको नोडल बनाकर पाक्षिक रूप से उसकी रिपोर्ट प्राप्त की जाये तथा उसकी प्रगति की समीक्षा करते हुये अवगत करायें ताकि निर्माण कार्यो को ससमय पूर्ण किया जा सके। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया कि प्रायः निरीक्षण के समय पाया जाता है कि कार्यदायी संस्थाओं के अभियन्ता मौके पर नियमित रूप से उपस्थित रहकर गुणवत्ता का निरीक्षण नही करते है जिसके कारण कार्यो में विलम्ब एवं गुणवत्ता प्रभावित होती है। जिलाधिकारी ने सचेत किया कि यदि कार्यदायी संस्था के अभियन्ता कार्यस्थल/प्रोजेक्ट पर उपस्थित नही पाये जायेगें तो उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु उच्चाधिकारियों को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जायेगा।
आईजीआरएस के असन्तोषजनक फीड प्राप्त की समीक्षा करते हुये वन विभाग, दिव्यांग विभाग, श्रम विभाग, कृषि विभाग, खादी ग्रामोद्योग, अधिशासी अभियन्ता विद्युत, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, प्रोबेशन विभाग से सम्बन्धित शिकायतों के निस्तारण के फीडबैक 50 प्रतिशत से अधिक असन्तोषजनक पाये जाने पर जिलाधिकारी ने नारजागी व्यक्त की तथा सचेत किया कि शिकायतों के निस्तारण के पूर्व अधिकारी स्वयं उसका परीक्षण कर लें और शिकायतकर्ता से सभी सम्पर्क कर लें ताकि बार-बार असन्तोषजनक फीडबैक न प्राप्त हो। बैठक में जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, सामुदायिक शौचालय, बाल विकास एवं पुष्टाहार, कायाकल्प योजना, बेसिक शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बेसहारा/निराश्रित गोवंश, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, कन्या सुमंगला योजना, पेंशन योजना, शादी अनुदान, छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, मनरेगा, अमृत सरोवर निर्माण आदि योजनाओं के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने रूपये 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा की और निर्देशित किया कि परियोजनाओं का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाये। जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि परियोजनाओं की गम्भीरता से जांच की जाये, जांच का कार्य कार्यदायी संस्था की उपस्थिति में उनके द्वारा बनाये गये डीपीआर के आधार पर किया जाये, यदि आवश्यकता पड़े तो सैम्पलिंग भी कराया जाये। प्रधानमंत्री त्वरित आर्थिक विकास कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने इस योजनान्तर्गत कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं को समय से एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 गिरेन्द्र मोहन शुक्ल, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।