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यह आर्थिक मदद तालिबान को नहीं बल्कि सीधे तौर पर अफगानिस्तान की आम जनता के लिए है। इन पैसों को विभिन्न अतंरराष्ट्रीय संगठनों के हवाले किया जाएगा। जो अफगानिस्तान में काम कर रहें हैं।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही देश में भूखमरी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। देश की आर्थिक स्थिति भी बुरी तरह से चरमराई हुई है। इस संकट से अफगानिस्तान को बचाने के लिए यूरोपियन संघ आगे आया है। यूरोपीय संघ ने ऐलान किया है कि वह अफगानिस्तान को संकट की घड़ी में एक बिलियन यूरो की मदद देगा।

जी-20 के वर्चुअल सम्मेलन में यूरोपीय संघ की अध्यक्ष ने उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने की बात कही। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष ने कहा कि हम सब को अफगानिस्तान में संकट से जूझ रहे लोगों की मदद करनी चाहिए। यह आर्थिक मदद तालिबान को नहीं बल्कि सीधे तौर पर अफगानिस्तान की आम जनता के लिए है। इन पैसों को विभिन्न अतंरराष्ट्रीय संगठनों के हवाले किया जाएगा, जो पहले से ही अफगानिस्तान में जमीन पर काम कर रहें हैं। 

उन्होंने तालिबान के किए की सजा आम लोगों को न देने की बात कही और तालिबान से रिश्तों पर अपनी शर्तों को दुबारा दोहराया। खबरों के मुताबिक इस एक बिलियन यूरो की मदद का इस्तेमाल अफगानिस्तान के हेल्थ सिस्टम को सुधारने, वहां फंसें विदेशी लोगों की मदद और आतंकवाद के खिलाफ किया जाएगा।